87 साल के हुए मनमोहन सिंह, पीएम मोदी ने दौरे के बीच ट्वीट कर दी जन्मदिन की बधाई
नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व नेता और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज यानी कि गुरुवार को जन्मदिन है। जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम को बधाई दी। पीएम मोदी के साथ-साथ देश के कई नेताओं ने मनमोहन सिंह को बधाई दी। अमेरिकी दौरे के बीच ट्वीट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, 'पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई, मैं उनकी लंबी और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।'
राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर दी बधाई
पीएम मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई दी। राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में से एक मनमोहन सिंह गुरुवार को 87 वर्ष के हो गए। 1990 के दशक में व्यापक सुधार लाने का श्रेय मनमोहन सिंह को दिया जाता है। मनमोहन सिंह देश के दस साल तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहे।
साल 1932 में हुआ था जन्म
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को देश में आर्थिक सुधारों का सूत्रधार माना जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर साल 1932 में अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था। मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। मनमोहन सिंह ने साल 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से दसवीं की परीक्षा पास की और आगे की पढ़ाई के लिए विदेश चले गए।
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कैंब्रिज से की पढ़ाई
ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से साल 1957 में उन्होंने प्रथम श्रेणी से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन की। साल 1962 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नूफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में पीएचडी की। पीएचडी कर डॉक्टर की उपाधि लेने के बाद मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अर्थशास्त्र भी पढ़ाया। इसके अलावा उन्हें जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में भी नियुक्त किया गया था।
साल 1991 में पहली बार राज्यसभा सदस्य बने
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह साल 1991 में पहली बार असम से राज्यसभा सदस्य चुने गए। इसके बाद वह साल 1995, 2001, 2007 और साल 2013 में भी राज्यसभा सदस्य बने रहे। 1998 से 2004 तक जब भाजपा सत्ता में था, तब डॉ. मनमोहन सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे।
साल 1999 में उन्होंने दक्षिणी दिल्ली से चुनाव भी लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। साल 2004 में जब कांग्रेस सत्ता में लौटी तो डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के तौर पर चुना गया। साल 2009 में भी जब दोबारा सरकार में वापस आई तो कांग्रेस ने उन्हें फिर से प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी सौंप दी।
आर्थिक सुधारों के लिए किए जाते हैं याद
डॉ. मनमोहन सिंह साल 1991 से लेकर साल 1996 तक वित्तमंत्री का पद संभाला। 1990 का दशक वैश्वीकरण के लिए जाना जाता है और देश में आर्थिक सुधारों के लिए वह हमेशा याद किए जाते हैं। विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश कराने में उनकी अहम भूमिक रही।
साल 1971 में डॉ. मनमोहन सिंह वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार और साल 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार भी रह चुके हैं। इसके बाद वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गर्वनर, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के भी अध्यक्ष रहे।