'मोदी की सेना' वाले योगी के बयान पर विवाद शुरू, पूर्व नौसेना चीफ ने EC से की शिकायत
नई दिल्ली। भारतीय सेना को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मोदी की सेना बताया था। इसपर अब विवाद शुरू हो गया है जो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर भाषणों में सेना के दुरुपयोग पर चिंता जताई है। नौसेना प्रमुख एल रामदास ने एक चिट्ठी लिखकर इसके दुरुपयोग पर रोक लगाने की मांग की है। चुनाव आयोग को लिखे पत्र में रामदास ने यह भी कहा है कि और भी कई सैन्य अधिकारियों ने इस मांग का समर्थन किया है।
रामदास ने अपने पत्र में जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ हवाई हमले के राजनीतिकरण पर चिंता जताई और कहा कि इससे मतदाताओं पर असर पड़ सकता है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट में हवाई हमला और एयर फोर्स के पायलट को सुरक्षित स्वदेश ले आने पर हो रही राजनीति को लेकर उन्होंने चुनाव आयोग का ध्यान खींचा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि 'कुछ पार्टियां चुनावी रैलियों, मीडिया, सार्वजनिक स्थानों पर नेताओं के साथ सेना की तस्वीरें दिखाकर अपना राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ा रही हैं।' एल रामदास ने आगे लिखा है कि 'ऐसा करना पूरी तरह से अनुचित है क्योंकि यह सुरक्षा बलों के वैल्यू सिस्टम को ध्वस्त करता है। यह भारतीय संविधान की भावना के भी खिलाफ है।'
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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में सोमवार को एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय सेना को 'मोदी की सेना' बताया था। इस पर संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने भी रिपोर्ट मांगी है। योगी ने कहा था कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के लिए जो 'असंभव' था, वह अब बीजेपी के शासन में संभव हो गया है। योगी ने कहा, 'कांग्रेस के लोग आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते थे और मोदी जी की सेना आतंकवादियों को गोली और गोला देती है।
यही अंतर है। कांग्रेस के लोग मसूद अजहर के नाम के आगे 'जी' लगाते हैं, ताकि आतंकवाद को बढ़ावा मिले।' हालांकि, इस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यूपी के सीएम द्वारा यह कहना कि भारतीय सेना 'मोदी की सेना' है, हैरान करने वाला है। ऐसा बेखौफ वैयक्तिकीकरण और इस तरह हमारी प्रिय भारतीय सेना को हड़पना बेहद अपमानजनक है।