आईआईटी के पूर्व छात्रों की बहुजन आजाद पार्टी ने एससी, एसटी, ओबीसी के लिए मांगा 85 फीसदी आरक्षण
नई दिल्ली। आईआईटी के 50 पूर्व छात्रों के हाल ही में बनाए राजनीतिक दल बहुजन आजाद पार्टी (बाप) ने पिछड़ी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण बढ़ाए जाने की मांग की है। 'बाप' ने मांग की है कि कि पिछड़ों और दलितों को मिलने वाले आरक्षण की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी किया जाए। इस नए राजनीतिक दल के लोगों का कहना है कि पिछड़ों और दलितों की लड़ाई ही उनका राजनीति में आने का मकसद है।
सवर्णों को 15 फीसदी ही जगह मिलें
न्यूज चैनल आजतक से बातचीत में पार्टी नेताओं ने कहा है कि जिसकी जितनी आबादी है, उसका उतना ही प्रतिनिधित्व होना चाहिए। जब देश में 85 फीसदी लोग पिछड़ी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हैं तो उन्हें 85 फीसदी आरक्षण होना चाहिए। पार्टी का कहना है कि सवर्णो के लिए15 फीसदी जगह बहुत हैं। पार्टी नेताओं ने न्यायपालिका, पदोन्नति और निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग की है ताकि दलितों और पिछड़ों का भी विकास हो सके।
बिहार के विधानसभा में उतरेगी बाप
पार्टी की ओर से बताया गया है कि पार्टी के गठन के बाद जमीनी स्तर पर भी काम शुरू हो चुका है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव तक पार्टी ने इलेक्शन से दूर रहकर संगठन मजबूत करने का फैसला किया है। पार्टी 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से इलेक्शन लड़ने की शुरुआत करेंगे और उसके बाद 2024 में लोकसभा चुनाव में भी पार्टी उतरेगी। पार्टी ने चुनाव आयोग के पास मान्यता के लिए भी अर्जी दी है।
IIT के 50 पूर्व छात्रों ने बनाई है पार्टी
आईआईटी के 50 पूर्व छात्रों ने अपनी नौकरी छोड़ ये राजनीतिक दल बनाया है। फैसला लिया है। पार्टी शेड्यूल कास्ट, शेड्यूट ट्राइब और पिछड़ा वर्ग के लोगों के अधिकार के लिए काम करेगी। पार्टी सदस्यों का कहना है कि बहुजन आजाद पार्टी अभी चुनाव लड़ने की किसी भी तरह की जल्दबाजी में नहीं है और वह 2019 के लोकसभा चूनाव में नहीं उतरना चाहती है। दिल्ली आईआईटी में वर्ष 2015 में पढ़े नवीन कुमार का कहना है कि हम 2020 में बिहार विधानसभा में चुनाव लड़ने से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे और इसके बाद अगले लोकसभा चुनाव पर अपना लक्ष्य केंद्रित करेंगे।
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आईआईटी के 50 पूर्व छात्रों ने छोड़ी नौकरी, राजनीति दल का करेंगे गठन