यशवर्धन कुमार सिन्हा होंगे देश के अगले मुख्य सूचना आयुक्त
नई दिल्ली। विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी यशवर्धन कुमार सिन्हा नए मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) बनाए जाएंगे। बिमल जुल्का के सेवानिवृत्त होने के बाद 27 अगस्त से यह पद खाली पड़ा हुआ था। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस पार्टी ने सर्च कमेटी द्वारा सीआईसी और सूचना आयुक्तों (आईसी) के पदों के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए नामों को लेकर सरकार को एक असहमति पत्र भी भेजा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने चयन प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है।

यशवर्धन कुमार सिन्हा पहले भी सूचना आयुक्त रह चुके हैं। यशवर्धन कुमार सिन्हा 1981 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी थे। वह ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त भी रह चुके हैं। केंद्र जल्द ही केंद्रीय सूचना आयोग में अन्य रिक्त पदों को भरने की भी संभावना है। प्रधान मंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता सहित उच्च-स्तरीय चयन समिति की बैठक पिछले सप्ताह नियुक्तियों पर मुहर लगाई थी।
हालांकि विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सीआईसी और आईसी के लिए नामों की शॉर्टलिस्टिंग में पारदर्शिता की कमी की बात करते हुए असहमति जताई है। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी ने कुल 139 आवेदकों में से सीआईसी पद के लिए दो नामों को शॉर्टलिस्ट किया था और 355 आवेदकों की सूची में से आईसी के लिए सात नाम को चुना है।
लेकिन उच्चस्तरीय समिति की बैठक के दौरान अधीर रंजन ने आरोप लगाया था कि सर्च कमेटी पारदर्शी नहीं थी क्योंकि उसने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया था। उनका कहना था कि सर्च कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है और चुने गए नामों को सार्वजनिक नहीं किया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने यह भी कहा था कि केवल ब्यूरोक्रेट्स ही नहीं अन्य क्षेत्रों के लोगों को भी इस पद के लिए शामिल किया जाना चाहिए।अधीर रंजन चौधरी ने यह भी मांग की थी कि विपक्ष में से कम से कम एक उम्मीदवार के साथ सर्च कमेटी का पुनर्गठन किया जाए और विभिन्न क्षेत्रों के सदस्यों को भी समायोजित किया जाए।
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