पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के दामाद भाजपा में हुए शामिल, पंजाब में इस बड़े पद पर थे तैनात
नई दिल्ली। पूर्व आईएएस अधिकारी सरवन सिंह चन्नी गुरुवार को यहां भाजपा में शामिल हो गये। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में सरवन सिंह चन्नी को पार्टी की सदस्यता दिलाई। चन्नी 1982 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत अधिकारी हैं। वह पिछले चार मई को सेवानिवृत हुए थे। यहीं नहीं सरवन सिंह चन्नीपूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के निकट संबंधी भी हैं।
पंजाब-कैडर के एक पूर्व आईएएस अधिकारी एसएस चन्नी सितंबर 2014 से 3 मई, 2019 तक पंजाब के मुख्य सूचना आयुक्त रहे हैं। पंजाब में आतंकवाद के चरम पर रहने के दौरान चन्नी गुरदासपुर और लुधियाना के जिलाधिकारी रहने के अलावा राज्य के गृह सचिव रह चुके हैं। जैल सिंह 1982 से 1987 तक राष्ट्रपति रहे। उनके समय ही देश में ऑपरेशन ब्लू स्टार हुआ था।
सवरन सिंह को सदस्यता दिलाने के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतिन गडकरी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। गडकरी ने कहा कि, देश के प्रधानमंत्री किसी पार्टी के नहीं बल्कि देश के होते हैं। दुर्भाग्यवश प्रधानमंत्री के मान सम्मान की बजाय विपक्ष और खास तौर से कांग्रेस द्वारा की उन पर अभद्र टिप्पणियां की गई है। जो 1984 के दंगा पीड़ितों को न्याय नहीं दे पाए वो क्या देश के गरीबों को न्याय देंगे?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, कांग्रेस ने परफॉर्मेंस और कार्य चुनाव का मुद्दा न बने, इसके लिए विपक्ष दो बातों पर चुनाव को लेकर गए। पहला दलितों, माइनॉरिटी, एससी-एसटी के मन में डर पैदा करना और दूसरा विकास के जो काम 50 साल में नहीं हुए और 5 साल में हुए, उस पर चर्चा न करके जानबूझकर गंदी-गंदी टिप्पणियां करना। लेकिन इस बार सुरक्षा के विषयों का भी राजनीतिकरण किया गया।
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उन्होंने कहा कि, राजनीति में मतभिन्नता हो सकती है लेकिन मनभेद और दुष्प्रचार नहीं होना चाहिए। 1971 के युद्ध के दौरान अटल जी के नेतृत्व में सभी विपक्षी दलों ने तब की प्रधानमंत्री इंदिरा जी का समर्थन किया था और कहा कि देश की सुरक्षा में हम साथ हैं। इनकी पीढ़ियां गरीबी हटाओ की बात करती रही, लेकिन गरीबी हटी नहीं। अब राहुल जी भी वही बात कह रहे हैं, तो इनकी विश्वसनीयता कहां हैं? ये न्याय नहीं है, आज तक हुए अन्याय की बात है
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