हरियाणा: हॉकी का ये 'सूरमा' खट्टर सरकार में बना मंत्री, गलती से लगी थी जवान की गोली
चंडीगढ़: हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार गुरुवार को हुआ। गुरुवार को 6 कैबिनेट मंत्रियों और 4 राज्यमंत्रियों ने शपथ ली। हॉकी के पूर्व खिलाड़ी संदीप सिंह ने बीजेपी के कोटे से राज्यमंत्री की शपथ ली। वो भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रह चुके हैं। वो एक बार गोली लगने की वजह से घायल हो गए, जिसका असर उनके खेल पर भी पड़ा। बीजेपी ने उन्हें इस बार पेहोवा सीट से उम्मीदवार बनाया था। बीजेपी को यहां 53 साल में पहली बार जीत मिली है।
संदीप सिंह बने राज्यमंत्री
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह के अलावा बीजेपी ने दो और खिलाड़ियों को टिकट दिया था। लेकिन संदीप सिंह के अलावा इन दोनों खिलाड़ियों को हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी के टिकट पर पहलवान योगेश्वर दत्त को बड़ौदा और पहलवान बबीता फोगाट को दादरी सीट से हार का सामना करना पड़ा। पिहावा सीट से जीतने वाले विधायक को मंत्रिमंडल में जगह मिलती रही है। संदीप सिंह का जन्म हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के शाहबाद में हुआ है।
डीएसपी पद से दिया था इस्तीफा
संदीप सिंह की गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ पेनाल्टी कार्नर विशेषज्ञ के तौर पर होती थी। वो बीजेपी में शामिल होने से पहले हरियाणा पुलिस विभाग में डीएसपी रैंक पर कार्यरत थे। लेकिन डीएसपी की पोस्ट से इस्तीफा देकर वो बीजेपी में शामिल हो गए। भारत सरकार ने संदीप सिंह को साल 2010 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था। दुनिया उन्हें फ्लिकर सिंह के नाम से जानती है।
संदीप सिंह के जीवन पर बनी बॉलीवुड फिल्म
गौरतलब है कि संदीप सिंह के जीवन पर आधारित एक बॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है। फिल्म निर्माता शाद अली ने उनके जीवन पर आधारित फिल्म सूरमा बनाई थी। इस फिल्म में मुख्य भूमिकाएं दिलजीत दोझांस और तापसी पन्नू की थी। इसमें उनके गोली लगने के बाद 3 साल तक मैदान से बाहर होने के बाद साल 2008 में भारतीय हॉकी में वापसी के संघर्ष को दिखाया गया था।
संदीप सिंह को गलती से लगी थी गोली
संदीप सिंह साल 2006 में राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने के लिए ट्रेन से सफर कर रहे थे, तभी रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के एक जवान की बंदूक से गलती से गोली चल गई और वो उनके कमर के निचले हिस्से में जाकर लगी। इसके बाद संदीप सिंह दो साल के लिए व्हील चेयर पर रहे। इसके बाद उन्होंने दोबारा हॉकी में मैदान में वापसी की। उनकी वापसी के बाद सुल्तान अजलान कप में भारत ने दमदार प्रदर्शन किया। साल 2009 में उन्हें भारतीय टीम का कप्तान घोषित कर दिया गया। उनकी कप्तानी में टीम ने 8 साल के बाद 2012 ओलंपिक में भी क्वालीफाई किया था।
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