इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली
नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और राज्यसभा सांसद अरुण जेटली को शुक्रवार सुबह तबीयत बिगड़ने के बाद एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक, जेटली की तबीयत स्थिर बनी हुई है। शनिवार सुबह उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू अरुण जेटली से मुलाकात करने एम्स पहुंचे थे। उपराष्ट्रपति ने एम्स के डॉक्टरों से जेटली की सेहत के बारे में जानकारी ली। जेटली इस वक्त गहन चिकित्सा केंद्र (आईसीयू) में भर्ती हैं और डॉक्टर उन पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं।
शनिवार को उपराष्ट्रपति भी पहुंचे थे एम्स
अरुण जेटली करीब 2 साल से बीमार चल रहे हैं। उन्हें सॉफ्ट टिशू कैंसर नाम की खतरनाक बीमारी है। किडनी संबंधी बीमारी के बाद पिछले साल मई में अरुण जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। लेकिन किडनी की बीमारी के साथ कैंसर ने उनकी सेहत को बुरी तरह प्रभावित किया है। लंबे समय से बीमार जेटली को कई बार एम्स में भर्ती कराया जा चुका है। बीमार रहने के कारण ही जेटली ने कैबिनेट में शामिल ना होने की इच्छा जताई थी। हालांकि, बीमारी के बावजूद वे विभिन्न मुद्दों पर सोशल मीडिया पर अपनी राय व्यक्त करते रहे हैं। तीन तलाक बिल पास होने पर भी उन्होंने अपनी राय व्यक्त की थी। फिलहाल, बाहर आने-जाने को लेकर डॉक्टरों ने जेटली को खास हिदायतें दे रखी हैं।
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एम्स में हो रहा है इलाज
घबराहट और बेचैनी की शिकायत के बाद पूर्व वित्त मंत्री को शुक्रवार सुबह 10 बजे एम्स के कार्डियो-न्यूरो सेंटर में भर्ती कराया गया। यहां पर एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजिस्ट की एक टीम जेटली के स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है। पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एम्स पहुंचकर उनका हाल जाना।
क्या है सॉफ्ट टिशू सार्कोमा
दरअसल, हमारे शरीर में कई तरह के सॉफ्ट टिशू ट्यूमर होते हैं, लेकिन सभी कैंसरस नहीं होते हैं। वो शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल भी नहीं सकते, लेकिन जब ये ट्यूमर में विकसित हो जाता है तो इसमें सार्कोमा शब्द भी जुड़ जाता है, जो हड्डियों और मांसपेशियों के टिशू से शुरू होता है। सॉफ्ट टिशू कैंसर का सार्कोमा नर्व्स, मसल्स, टिशू सर्कोमा, फाइबर टिश्यू में विकसित होता है। माना जाता है कि सॉफ्ट टिशू कैंसर की शुरुआत पैर या हाथ से होती है, लेकिन ये शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। शरीर के किसी हिस्से में गांठ दिखना, पेट में दर्द धीरे-धीरे बढ़ना, उल्टी आने पर खून आना इसके लक्षण होते हैं।