कॉलेजियम सिस्टम: पूर्व जज ने राष्ट्रपति को लेटर लिखकर कहा- 'ऐतिहासिक गड़बड़ी' होने से रोकिए
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश गंभीर जे ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और दिनेश माहेश्वरी को पदोन्नत करने के कॉलेजियम की सिफारिश पर आपत्ति व्यक्त करते हुए भारत के राष्ट्रपति को एक लेटर लिखा है। लेटर में कहा गया है कि इस फैसले ने पूरे कानूनी और न्यायिक भाईचारे को झटका दिया है। पूर्व जज ने राष्ट्रपति से 'ऐतिहासिक गड़बड़ी' को रोकने के लिए आग्रह किया है।
गंभीर ने अपने लेटर में कहा कि पहले उन्होंने इस खबर को टीवी पर देखा और उसके बाद इस खबर को पुख्ता किया। राष्ट्रपति को लेटर लिखते हुए गंभीर ने कहा, 'यह भयावह और अपमानजनक है कि 32 न्यायाधीशों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिनमें कई मुख्य न्यायाधीश शामिल हैं। ऐसे में जिन न्यायाधीशों को कॉलेजियम सिस्टम से बाहर रखा गया है उनकी बुद्धि और योग्यता पर सवाल खड़े होते हैं।
पूर्व जज ने अपने लेटर में लिखा, 'मैं विनम्रतापूर्वक महामहिम से आग्रह करता हूं कि एक मजबूत न्यायपालिका के साथ दुनिया में हमारे सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रमुख के रूप में आप विचार करें और स्वयं देखें कि कैसे पांच प्रतिष्ठित वरिष्ठ न्यायाधीशों के वर्तमान कॉलेजियम ने लगभग 32 न्यायाधीशों को अलग कर दिया है।
अंत में जस्टिस गंभीर ने अपने लेटर में राष्ट्रपति से आग्रह किया कि 'एक और काला दिन' और 'एक और ऐतिहासिक गड़बड़' होने से रोकिए। उन्होंने न्यायपालिका की विश्वसनीयता और स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए उपस्थित होने की अपील के साथ लेटर को समाप्त किया।
Former Delhi High Court judge Kailash Gambhir has written to President of India against the recommendation of the Collegium to elevate Justices Sanjiv Khanna and Dinesh Maheshwari to the Supreme Court; urges President to prevent "another historical blunder” from being committed pic.twitter.com/RNJHUXG5T9
— ANI (@ANI) January 15, 2019