क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

जाते-जाते भी ये बड़ा 'अंधविश्वास' तोड़ गईं पूर्व सीएम शीला दीक्षित

शीला दीक्षित ने विकास के मामले में राजधानी का कायापलट कर दिया था। उनके विरोधी नेता भी काम करने की उनकी शैली के कायल थे।

Google Oneindia News

नई दिल्ली। तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहीं शीला दीक्षित का रविवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके अंतिम संस्कार के वक्त कांग्रेस और भाजपा समेत कई दलों के दिग्गज नेता मौजदू रहे। लगातार 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहते हुए शीला दीक्षित ने विकास के मामले में राजधानी का कायापलट कर दिया था। उनके विरोधी नेता भी काम करने की उनकी शैली के कायल थे। 81 साल की उम्र के बावजूद शीला दीक्षित दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहीं थी और सियासी तौर पर पूरी तरह सक्रिय नजर आती थीं। इस दुनिया से विदा लेते हुए भी शीला दीक्षित एक बड़ा अंधविश्वास तोड़ गईं।

विदा लेते हुए भी दिया ये अहम संदेश

विदा लेते हुए भी दिया ये अहम संदेश

दरअसल, रविवार को शीला दीक्षित का अंतिम संस्कार सीएनजी पद्धति से किया गया। सीएनजी पद्धति से अंतिम संस्कार कराए जाने की इच्छा शीला दीक्षित ने जीवित रहते ही जाहिर कर दी थी। सीएनजी से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में काफी कम प्रदूषण होता है। हालांकि हिंदू समाज में मान्यता है कि अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। बताया जाता है कि लकड़ियों में देवताओं का वास होता है और लकड़ियों के जरिए अंतिम संस्कार से आत्मा को मुक्ति मिलती है। सीएनजी से अंतिम संस्कार को हिंदू मान्यताओं के खिलाफ माना जाता है। शीला दीक्षित ने इस दुनिया से जाते-जाते इस मान्यता को तोड़ दिया और पर्यावरण बचाने का एक अहम संदेश दिल्ली के लोगों को दिया।

ये भी पढ़ें- निधन के बाद अपने परिवार के लिए कितनी संपत्ति छोड़ गई हैं शीला दीक्षितये भी पढ़ें- निधन के बाद अपने परिवार के लिए कितनी संपत्ति छोड़ गई हैं शीला दीक्षित

लंबे समय से बीमार थीं शीला दीक्षित

लंबे समय से बीमार थीं शीला दीक्षित

आपको बता दें कि लंबी बीमारी के बाद शनिवार को दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में शीला दीक्षित का निधन हो गया। एस्कॉर्ट हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. अशोक सेठ के मुताबकि, 'तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें हॉस्पिटल लाया गया था, जहां डॉक्टरों की एक टीम उनकी हालत पर लगातार नजर बनाए हुए थी। दोपहर 3:15 बजे उन्हें फिर से दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। दोपहर को 3 बजकर 55 मिनट पर उनका निधन हो गया।' शीला दीक्षित के निधन की खबर से कांग्रेस सदमे में है। मुख्यमंत्री रहते हुए शीला दीक्षित ने विकास के मामले में दिल्ली का कायापलट कर दिया था। उनके कार्यकाल में कई ऐसी योजनाएं थीं, जिनके लिए विरोधी भी उनकी तारीफ करते थे।

किताब में किया था निजी जीवन का जिक्र

किताब में किया था निजी जीवन का जिक्र

पिछले साल फरवरी 2018 में शीला दीक्षित की किताब 'सिटीजन दिल्ली: माय टाइम्स, माय लाइफ' रिलीज हुई, जिसमें उन्होंने अपने निजी जीवन की कई अहम बातों का भी जिक्र किया था। पंजाब के कपूरथला में एक पंजाबी परिवार में जन्मी शीला दीक्षित ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज में ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन लिया था। यहीं उनकी मुलाकात यूपी के उन्नाव के रहने वाले विनोद दीक्षित से हुई। विनोद कांग्रेस के बड़े नेता उमाशंकर दीक्षित के इकलौते बेटे थे और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही पढ़ाई कर रहे थे। दोनों में दोस्ती हुई और चार साल की दोस्ती के बाद दोनों ने साथ जीवन बिताने का फैसला कर लिया। विनोद ने शीला को डीटीसी की बस में साथ जाते हुए प्रपोज किया था। अपनी किताब 'सिटीजन दिल्ली: माय टाइम्स, माय लाइफ' में शीला दाक्षित ने अपनी लव स्टोरी का जिक्र करते हुए लिखा है कि उन्हें अपने प्रेमी से शादी करने के लिए दो साल का लंबा इंतजार करना पड़ा था।

विवाद सुलझाने में हुई विनोद दीक्षित से दोस्ती

विवाद सुलझाने में हुई विनोद दीक्षित से दोस्ती

इस किताब में शीला दीक्षित ने अपनी लव स्टोरी का जिक्र करते हुए लिखा है, 'इतिहास की पढ़ाई करके के दौरान ही मेरी मुलाकात विनोद दीक्षित से हुई और वो मेरे जीवन का पहला व अंतिम प्यार बने। मेरी क्लास के 20 छात्रों में विनोद सबसे अलग थे। करीब 6 फीट लंबे विनोद कॉलेज में एक अच्छे क्रिकेटर होने के साथ-साथ अपने दोस्तों के बीच काफी लोकप्रिय थे। एक दिन हमारे दो दोस्तों के बीच, जो आपस में प्यार करते थे, कुछ विवाद हो गया, जिसे सुलझाने में हम दोनों ने मध्यस्थता की थी और उसी दौरान हमने एक दूसरे को पंसद कर लिया। इसके बाद हम दोनों में दोस्ती हुई और ये दोस्ती शादी तक पहुंची। शीला दीक्षित के पति विनोद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अफसर रहे थे। 1982 में एक ट्रेन के सफर के दौरान हार्ट अटैक आने से उनका निधन हो गया था।

2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार

2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार

हाल ही में 2019 के लोकसभा चुनाव में शीला दीक्षित दिल्ली की उत्‍तर-पूर्व दिल्‍ली सीट से चुनाव लड़ीं थी। हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उनके निधन पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं कांग्रेस पार्टी की एक प्यारी बेटी शीला दीक्षित जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुखी और निराश हूं, जिनके साथ मैंने एक करीबी व्यक्तिगत संबंध महसूस किया। इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिवार और दिल्ली के नागरिकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, जिन्हें उन्होंने निस्वार्थ भाव से तीन बार सीएम रहते हुए अपनी सेवाएं दी।' वहीं, उनके निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'शीला दीक्षित जी के निधन से गहरा दुख हुआ। एक ऊर्जावान और मिलनसार व्यक्तित्व के साथ उन्होंने दिल्ली के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।'

ये भी पढ़ें- आजम खान ने मॉब लिंचिंग को लेकर मुसलमानों पर दिया बड़ा बयानये भी पढ़ें- आजम खान ने मॉब लिंचिंग को लेकर मुसलमानों पर दिया बड़ा बयान

Comments
English summary
Former Delhi CM Sheila Dikshit Break This big Superstition.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X