पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर का पाक को करारा जवाब- सैनिकों की जान हमारे लिए ज्यादा अहम, किक्रेट बहुत छोटी चीज
नई दिल्ली: भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और भाजपा सांसद गौतम गंभीर शुक्रवार को पाकिस्तान पर जमकर बरसे। किक्रेट से राजनीति में आए गौतम गंभीर ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद खत्म होने तक पाकिस्तान के साथ कोई संबंध नहीं होना चाहिए। लोकसभा सांसद गौतम गंभीर ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पर आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता तब तक भारत पाकिस्तान के साथ भारत को किक्रेट मैच नहीं खेलना चाहिए। गौतम गंभीर बोले सेना के जवानों की जिंदगी हमारे लिए अधिक मायने रखती है, किक्रेट बहुत छोटी चीज है।
पड़ोसी देश के साथ खेल संबंधों के बारे में गंभीर ने एएनआई को बताया, "जब तक सीमा पार आतंकवाद खत्म नहीं होता, मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का संबंध होना चाहिए क्योंकि हमारे सैनिकों का जीवन किसी भी चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है।" जब तक बार्डर टेररिज्म खत्म नहीं होता, पाकिस्तान के साथ कोई रिश्ता नहीं होना चाहिए। ' बता दें वर्तमान समय में भारत और पाकिस्तान की टीमें सिर्फ आइसीसी और एसीसी टूर्नामेंट्स में ही मैच खेलती हैं।
गौतम गंभीर ने कहा पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद के कारण जम्मू कश्मीर में गोलियों से छलनी होने वाले हमारे सैनिकों के लिए बोलना हम प्रत्येक भारतीय नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सेना के जवान हमारी रक्षा के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर रहे है तो हम कम से कम उनके लिए खड़े तो हो सकते हैं। उन्होंने कहा भारतीय किक्रेटर को देश के लिए खेलने के लिए मोटी रकम मिलती है लेकिन सैनिक देश की निस्वार्थ सेवा करते हुए रक्षा करते हैं। पूर्व किक्रेटर ने कहा हम खेल कर क्या देश को क्या उपहार देते हैं जबकि हमारी सेना के जवान ' सियाचिन या पाकिस्तान सीमा पर हमारी रक्षा करते हुए थोड़े से पैसों में अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं। असल में तो वही हमारे देश के सबसे महान नायक हैं।'
पाकिस्तान को एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखा
बता दें ग्लोबल टेरर फाइनेंसिंग वॉचडॉग, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने गुरुवार को अपनी "ग्रे लिस्ट" पर जून तक पाकिस्तान को बरकरार रखा है। आतंकवाद के वित्तीय मदद करने वालों पर निगाह रखने वाली इस वैश्विक एजेंसी ने पाकिस्तान को 2008 में ही ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। तब से पाकिस्तान आज तक इस लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश में जुटा हुआ है लेकिन आतंकवाद पर लगाम लगाने और अपनी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने में विफल रहा। 27 बिंदुओं वाली कार्य योजना को पूरी तरह से लागू करने में पाकिस्तान विफल रहा जिसके बाद इसे जून माह तक ग्रे लिस्ट में ही डाल दिया है।