हार के बाद पहली बार अमेठी जाएंगे राहुल गांधी, 10 जुलाई को दौरा
नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों में हार के बाद पहली बार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी के दौरे पर जाएंगे। राहुल गांधी 10 जुलाई (बुधवार) को अमेठी के दौरे पर जाएंगे। अमेठी की परंपरागत सीट से 15 सालों तक सांसद रहे राहुल गांधी को 2019 के लोकसभा चुनावों में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मात दी थी। खबरों के मुताबिक, राहुल अमेठी में अपनी हार की समीक्षा भी कर सकते हैं।
हार के बाद पहली बार अमेठी जाएंगे राहुल
कांग्रेस ने इस परंपरागत सीट पर लोकसभा चुनावों में मिली हार का विश्लेषण करने के लिए दो सदस्यीय पैनल का गठन किया था जिसमें यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा और एआईसीसी सचिव जुबेर खान शामिल थे। इस पैनल के मुताबिक, स्थानीय स्तर पर समाजवादी पार्टी और बसपा के कार्यकर्ताओं का सहयोग ना मिल पाना राहुल गांधी की हार की वजह बना था। बता दें कि यूपी में सपा-बसपा ने गठबंधन कर चुनाव लड़ने का फैसला किया था, महागठबंधन ने अमेठी में कोई उम्मीदवार ना उतारने का भी फैसला किया था।
स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हराया था
इस पैनल को अमेठी के स्थानीय नेताओं ने बताया था कि बीएसपी के वोट कांग्रेस को शिफ्ट होने के बजाय बीजेपी के खाते में चले गए थे। एक स्थानीय नेता ने कहा था, 'राहुल गांधी को अबकी के चुनाव में 2014 के 4,08,651 वोटों के मुकाबले 4, 13,994 वोट हासिल हुए थे। साल 2014 के चुनाव में बसपा के उम्मीदवार को 57,000 हजार वोट मिले थे, आश्चर्यजनक रूप से अमेठी में राहुल गांधी की हार के बीच अंतर भी करीब 55 हजार रहा था।'
2004, 2009 और 2014 में अमेठी से सांसद रहे थे राहुल
राहुल गांधी की अमेठी में हार पर स्थानीय कांग्रेस नेता योगेंद्र मिश्रा ने कहा था, 'बसपा उम्मीदवार की अनुपस्थिति में जो वोट कांग्रेस को जाना चाहिए था, वह बीजेपी की तरफ शिफ्ट हो गया। सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति के बेटे और गौरीगंज से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने बीजेपी को समर्थन देने की बात कही थी। शीर्ष नेतृत्व से निर्देश मिलने के बाद सिंह ने राहुल गांधी का समर्थन किया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।' हालांकि, पैनल के सदस्य केएल शर्मा इस सफाई से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने कहा था कि तिलोई और गौरीगंज इलाके के पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक लिए जाएंगे। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में कांग्रेस को केवल रायबरेली की सीट पर ही जीत मिली जहां से यूपीए चेयरपर्सन सोनिया चुनाव लड़ रही थीं।