कोयला घोटाला: CBI अदालत ने पूर्व सचिव गुप्ता समेत 3 को सुनाई 2 साल की सजा, CA दोष मुक्त
बीते साल अक्टूबर 2016 में आरोपियों पर आरोप तय करते हुए अदालत ने कहा था कि तात्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता ने अंधेरे में रखा।
नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट ने कमल स्पॉन्ज स्टील एंड पावर लिमिटेड (KSSPL) से जुड़े कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को 2 साल की सजा सुनाई है।
इसी दौरान कोयला मंत्रालय के दो पूर्व अधिकारी केएस क्रोफा और केसी सामरिया को भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत के जज भरत पराशर ने 2 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही सभी दोषियों पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
KSSPL कंपनी पर 1 करोड़ का जुर्माना, इसके मैनेजिंग डायरेक्टर पवन कुमार आहलूवालिया को 3 साल की सजा और 30 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
CA को अदालत ने किया दोषमुक्त
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इन सभी पर साजिश और भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के अंतर्गत आरोप लगाए गए थे साथ ही अदालत ने सभी को दोषी माना था। हालांकि इसी मामले में चार्टर्ड अकाउंटेंट अमित गोयल पर लगाए गए सभी आरोप खारिज कर उन्हें दोष मुक्त कर दिया गया है।
गौरतलब है कि अदालत मध्य प्रदेश स्थित तेसगोरा-बी रुद्रपुरी के कोयला ब्लॉक को KSSPL को आवंटित किए जाने के मामले में अनिमियतता किए जाने संबंधी सुनवाई कर ही थी।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने KSSPL पर आरोप लगाया था कि इनकी ओर से कोयला ब्लॉक पाने के लिए जो आवेदन दिया गया था वो आधा अधूरा था और दिशा निर्देशों के अनुरूप ऐसा ना होने के चलते संबंधित मंत्रालय की ओर से इनका आवेदन खारिज कर दिया जाना चाहिए था।
CBI ने लगाए थे ये आरोप
CBI ने यह आरोप भी लगाया था कि कंपनी की ओर से नेट वर्थ और मौजूदा क्षमता को भी गलत बताया गया साथ ही राज्य सरकार की ओर से यह सिफारिश की गई थी कि इन्हें कोयला ब्लॉक ना आवंटित किया जाए।
गुप्ता पर इसी मामले से जुड़े 8 अन्य आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं।
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