चुनाव सुधार के लिए मशहूर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का निधन
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नई दिल्ली। चुनाव नियमों को सख्ती से लागू करवाने के लिए मशहूर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का निधन हो गया है। रविवार को 86 साल की उम्र में शेषन का निधन हो गया। 86 वर्षीय शेषन 1990 से 1996 के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। भारतीय चुनावी राजनीति की दिशा बदलने में शेषन का अहम योगदान माना जाता है। तिरुनेल्लई नारायण अय्यर सेशन (टीएन शेषन) तमिलनाडु काडर के 1955 बैच के आईएएस ऑफिसर थे।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एसवाई कुरैशी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का रविवार रात निधन हो गया। वह एक सच्चे नेता थे, मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। शेषन भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त थे। पीएम मोदी ने टीएन शेषन की मौत पर शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि, टी एन शेषन एक उत्कृष्ट सिविल सेवक थे। उन्होंने अत्यंत परिश्रम और निष्ठा के साथ भारत की सेवा की। चुनावी सुधारों के प्रति उनके प्रयासों ने हमारे लोकतंत्र को मजबूत और अधिक सहभागी बनाया है। उनके निधन से पीड़ा हुई। ओम शांति!
एन शेषन यानी तिरुनेलै नारायण अय्यर शेषन का जन्म 15 दिसंबर 1932 को केरल के पलक्कड़ जिले में हुआ था। टीएन शेषन ने 1990 से लेकर 1996 तक मुख्य चुनाव आयुक्त का पद संभाला था। इस दौरान उन्होंने भारतीय चुनाव प्रणाली में कई बदलाव किए। मतदाता पहचान पत्र की शुरुआत भी भारत में उन्हीं के द्वारा शुरू की गई थी। 1996 में उन्हें रैमन मैग्सेसे अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
मुख्य चुनाव आयुक्त रहते हुए एटीएन शेषन ने चुनावों जारी धनबल, बाहुबल और मंत्रीपद के दुरुपयोग पर ऐसी नकेल कसी कि मुहावरा बना- एक तरफ नेशन, दूसरी तरफ शेषन! ग्राम विकास सचिव से लेकर भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त तक का शेषन का सफर आदर्श रहा।
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