पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार बोले- नोटबंदी का फैसला सख्त था, धीमी हुई आर्थिक विकास दर
नई दिल्ली। भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने नोटबंदी के मोदी सरकार के फैसले की आलोचना की है। अरविंद सुब्रमण्यन ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इसे सख्त कानून और मौद्रिक झटका बताया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले के कारण देश की अर्थव्यवस्था 7 तीमाही के सबसे निचले स्तर पर जा पहुंची।
नोटबंदी के फैसले पर पहली बार बोलते हुए अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि उनके पास इस तथ्य के अलावा कोई ठोस नजरिया नहीं है कि औपचारिक सेक्टर में वेल्फेयर कॉस्ट उस वक्त पर्याप्त थी। इसी साल उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद छोड़ा था। अपनी आने वाली किताब में उन्होंने नोटबंदी के बारे में भी जिक्र किया है जिसका नाम है 'Of Counsel: The Challenges of the Modi-Jaitley Economy'
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सरकार की आचोलना करने वालों का कहना है कि उस वक्त पीएम मोदी ने मुख्य आर्थिक सलाहकार से सलाह नहीं ली थी। अरविंद सुब्रमण्यन कहते हैं, नोटबंदी एक बहुत कठोर कानून, मौद्रिक झटका था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के इस फैसले के कारण बाजार में मौजूद 86 प्रतिशत करेंसी वापस मंगा ली गई थी। इस कारण ग्रोथ में कमी आनी पहले के मुकाबले और तेज हो गई। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कहते हैं कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि नोटबंदी के कारण ग्रोथ रेट भी धीमी हुई।