ICICI- वीडियोकॉन मामले में ED के सामने पेश हुईं चंदा कोचर
नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक पूर्व सीईओ चंदा कोचर आज बैंक लोन फर्जीवाड़े मामले में ईडी के सामने पेश हुईं। चंदा कोचर दिल्ली स्थित खान मार्केट में ईडी के कार्यालय पहुंचीं। सूत्रों के अनुसार चंदा कोचर अपने तय समय सुबह 11 बजे से पहले ही ईडी के कार्यालय पहुंच गईं थीं। जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि चंदा कोचर इस मामले की जांच में उनका सहयोग करेंगी। चंदा कोचर के बयान को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत रिकॉर्ड किया जाएगा।
चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को भी जांच एजेंसी ने तलब किया है। बता दें कि इससे पहले ईडी ने दीपक कोचर के भाई राजीव कोचर से भी काफी देर तक पूछताछ की थी। इससे पहले भी इन लोगों से ईडी ने पूछतातछ की है। बता दें कि मुंबई में इस मामले को लेकर ईडी ने कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। यह छापेमारी चंदा कोचर और उनके परिवार के अलावा वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल के ठिकानों पर भी की गई थी। बता दें कि ईडी ने पीएमएलए के तहत चंदा कोचर, दीपक कोचर, धूत और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन लोगों पर आरोप है कि 1875 करोड़ रुपए का लोन लेने में फर्जीवाड़ा किया गया है।
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मामला दिसंबर 2008 का है। कहा जा रहा है कि वीडियोकॉन समूह के मालिक वेणुगोपाल धूत ने बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई थी, जिसमें दोनों के बीच 3250 करोड़ की 'स्वीट डील' हुई थी। आरोप है कि 3250 करोड़ का लोन दिलाने में चंदा कोचर ने मदद की लेकिन, इस लोन का 86 प्रतिशत यानी लगभग 2810 करोड़ रुपए 2017 में बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया गया है। धूत लोन की रकम न चुकाने के बाद बैंकों द्वारा डिफॉल्टर घोषित किए जा चुके हैं।
हालांकि आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि बोर्ड को बैंक के एमडी और सीईओ चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है। चंदा कोचर पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद है। बैंक ने कहा है कि वीडियोकॉन को 20 बैंकों ने लोन दिया था। अन्य बैंकों ने जिन शर्तों पर वीडियोकॉन को लोन दिया था, उसी का पालन बैंक ने भी किया है।
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