फर्जीवाड़े में लिप्त बैंक के पूर्व सीईओ का उनके घर के बाहर शव मिलने से मचा हड़कंप
नई दिल्ली। बेंगलुरू स्थित गुरू राघवेंद्र बैंक के पूर्व सीईओ एम वासुदेव माइया सोमवार को अपने घर के बाहर मृत पाए गए है। हालांकि पुलिस ने अभी तक उनकी मृत्यु की वजह नहीं बताई है। बैंक का हेडक्वार्टर साउथ बेंगलुरू में स्थित है। यह बैंक उस वक्त चर्चा में आया था जब जनवरी माह में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक के खिलाफ 1400 करोड़ रुपए के वित्तीय फर्जीवाड़े की जांच शुरू की थी। अगली समीक्षा तक आरबीआई ने बैंक पर छह महीने के लिए कुछ पाबंदियां लगा दी थीं। बैंक को किसी भी तरह के ट्रांजैक्शन की अनुमति नहीं थी। बैंक के ग्राहकों को अधिकतम 35000 रुपए तक की ही राशि निकालने की अनुमति थी।
आरबीआई की कार्रवाई के बाद अपने पैसे निकालने के लिए बैंक के सैकड़ों ग्राहकों की बैंक के बाहर भीड़ लग गई थी। कई ग्राहक ऐसे थे जोकि वरिष्ठ नागरिक थे और उनका जीवन बैंक में किए गए उनके निवेश पर मिलने वाली ब्याज की राशि पर ही निर्भर था। बैंक के सीईओ एम वासुदेव के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का केस दर्ज किया गया था और उन्हें बैंक के सीईओ के पद से हटा दिया गया था। हालांकि उस वक्त वासुदेव ने कहा था कि बैंक ग्राहकों का पैसा वापस करेगा और उसके पास इसे वापस करने के लिए पर्याप्त धन मौजूद है क्योंकि लोन देने वक् इसकी सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई थी। बेंगलुरू साउथ के सांसद तेजस्वी सूर्या ने निवेशकों से कहा था कि लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है।
कोरोना की पाबंदियो के बावजूद कई वरिष्ठ नागरिक अपना पैसा बैंक से निकालने के लिए बैंक के बाहर लाइन में खड़े थे। जून माह में आरबीआई ने 35000 रुपए की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया था। लेकिन कोरोना की पाबंदियों के बावजूद लोग अपना पैसा निकालने के लिए बैंक के बाहर खड़े रहते थे। हालांकि इस दौरान अधिकतर लोग मास्क पहनते थे, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही होता था। लोगों को यह विकल्प भी दिया गया कि वह चाहें तो दूसरे बैंक के खाते में एनईएफटी के जरिए अपना पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं, लेकिन कई लोगों के पास दूसरा बैंक खाता भी नहीं था और लोग कैश लेना ही बेहतर विकल्प मान रहे थे।