भाजपा नेता ने पैदल घरों को लौट रहे मजदूरों को कहा- छुट्टी मनाने जाते गैरजिम्मेदार, लोग बोले-कुछ शर्म कर लो
balbir punj, bjp, lockdown, coronavirus, कोरोना वायरस, लॉकडाउन, बलबीर पुंज
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेता दो बार सांसद रहे बलबीर पुंज ने कहा है कि जो मजदूर दिल्ली और नोएडा से अपने गांवों को जाने की कोशिश कर रहे हैं। वो सब गैरजिम्मेदार लोग हैं, क्योंकि वो सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन को नहीं मान रहे हैं। दिल्ली-नोएडा से कई-कई सौ किमी पैदल चलकर किसी तरह जा रहे इन मजदूरों के लिए पुंज ने कहा है कि ये छुट्टी मनाने जा रहे हैं। बलबीर पुंज ने इस पर कई ट्वीट किए हैं, जिसके बाद वो सोशल यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। लोगों ने उन्हें भूखे-प्यासे और बेबसी में लौट रहे मजदूरों के लिए इस तरह की बात कहने पर बेशर्म और असंवेदनशील कहा है।
कोरोना वायरस के चलते पीएम नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को लॉकडाउन का ऐलान किया था। इसके बाद से जरूरी सेवाओं के अलावा सब कुछ बंद है। कामधंधेबंज हो जाने के बाज गांवों से आकर दिल्ली और आसपास मजदूरी करने वाले लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ये लोग पैदल ही सामान सिर पर रख गावों की ओर चल पड़े हैं।
इस पर बलबीर पुंज ने ट्वीट कर लिखा- ये सब मजदूर दिल्ली छोड़कर क्यों जा रहे हैं? पैसों की चाहत या खाने की? नहीं... यह सिर्फ लापरवाह लोग हैं। इनका घर पर नौकरी या पैसा उनका इंतजार नहीं कर रहा है। ये तो जबरदस्ती मिली 'छुट्टी' में परिवारों से मिल लेना चाहते हैं, हालात की गंभीरता से उन्हें कोई लेना-देना नहीं।
बलबीर पुंज अपने इस ट्वीट को लेकर तीखी आलोचना का सामना कर रहे हैं। पत्रकार अजीत अंजुम ने एक वीडियो शेयर कर जवाब देते हुए पुंज को लिखा- अफसोस है सर कि आप बीजेपी नेता के अलावा संपादक/पत्रकार और इंसान होते हुए भी ऐसी बात कर रहे हैं। सैकड़ों दिहाड़ी मजदूरों से मैंने बात की है । रिक्शा वाला से लेकर ठेले वाला और निर्माण मजदूर तक। इन्हें किसने Leave with Pay दिया है? इतने असंवेदनशील मत बनिए सर।
पत्रकार आशुतोष ने लिखा- बलबीर पुंज बीजेपी/संघ के सदस्य हैं।सरकार विदेशों में फँसे भारतीयों को लाने के लिये विशेष विमान भेजती है। देश के ग़रीबों को ये ग़ैरज़िम्मेदार बताते हैं। बीजेपी सरकारें इन ग़रीबों के लिये विशेष विमान क्यों नहीं भेजती! ये विचारधारा की मानसिकता है।
पल्लवी घोष ने लिखा- कुछ तो रहम कीजिए सर। वहीं कई दूसरे यूजर्स ने उनको तीखे शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि इससे बड़ी बेशर्मी तो कुछ हो ही नहीं सकती।
बीजेपी नेता तरुण विजय ने भी पुंज के बयान पर असहमति देते हुए कहा, दर्द और तकलीफ के समय आदमी अपनों की चिंता करता है। कोई भी उन्हें खाना या शरण देने नहीं गया और किसी ने उन्हें समझाया भी नहीं। हमारे होठों पर दर्द और दुख में पहला नाम मां, बहन और बच्चों का ही आता है।
कोरोना से लड़ाई में रेलवे ने बढ़ाया हाथ, आइसोलेशन वार्ड में बदले जा रहे ट्रेन के कोच