महाराष्ट्र: पूर्व BJP विधायक ने सारे गहने बेच सेना को दिया 20 लाख का दान, पीएम मोदी ने की तारीफ
नासिक। महाराष्ट्र के नासिक की पूर्व भाजपा एमएलसी निशिगंधा मोगल ने अपने 75 वें जन्मदिन के अवसर पर अपने 20 लाख रुपये कीमत के जेवर बेचकर, युद्ध में शहीद हुए जवानों के विधावाओं और पूर्व सैनिकों की भलाई के लिए दान दे दिया। उनके इस अच्छे काम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र लिखकर उनकी प्रशंसा की। ये इस काम की सोशल मीडिया पर काफी प्रशंसा हो रही है।
पीएम मोदी ने की तारीफ
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, निशिगंधा 1996 से 2000 तक नासिक की काउंसलर भी रहीं। पीएम मोदी द्वारा तारीफ किए जाने पर निशिगंधा ने कहा कि, मैंने बस वर्दी में बहादुर पुरुषों के प्रति अपना कर्तव्य निभाने का सोचा और रक्षा कर्मियों के कल्याण के लिए अपने सोने के गहने दान करने का फैसला किया। मैंने ऐसा ही किया। पीएम मोदी ने पत्र लिखकर मेरी तारीफ की, यह मेरे लिए सरप्राइज था।
पीएम मोदी ने कहा ये खास बात
निशिगंधा ने कहा, 'मेरे जीवन का यह हमेशा से सपना था कि मैं सेना के लिए कुछ करूं। कुछ महीने पहले मैंने अपने गहने दान देने का फैसला लिया। मेरा परिवार भी मेरे इस फैसले के साथ खड़ा हो गया। उन्होंने भी मेरा साथ दिया और खुशी जाहिर की। पीएम मोदी ने निशिगंधा को भेजे गए पत्र में लिखा कि, हमारे देश की एक परंपरा है जहां माताएं और बहनें हमेशा राष्ट्र निर्माण के लिए योगदान देने में सबसे आगे रही हैं। यहां तक कि सोने के गहने दान करने के रूप में भी। आपका भारतीय सेना के लिए यह अमूल्य योगदान है और इससे हमारे देश की परंपरा और सुदृढ़ होगी।
सेना के दान देने प्रेरणा यहां से मिली
बीजेपी नेता से जब पूछा गया कि, उन्हें इसकी प्रेरण कहा से मिली, तो उन्होंने कहा कि, इमरजेंसी लगने के बाद स्वर्गीय मोहन धरिया ने नासिक में एक रैली का आयोजन किया। उन्होंने लोगों से उनकी पार्टी को वोट करने और दान करने की अपील की। उस दौरान रैली में मौजूद महिलाओं के पास कुछ नहीं था तो कुछ ने अपने जेवर दान दे दिए। यह घटना मेरी यादों में थी। उन्होंने कहा कि, इन घटनाओं ने मुझे एक सामाजिक कार्यों में योगदान करने के लिए प्रेरित किया। चूंकि मैंने अपने सभी कर्तव्यों को पूरा कर लिया है और मेरे दोनों बेटे अच्छी तरह से सेटल हैं।
ऐसे पूरी हुई दान की प्रक्रिया
निशिगंधा मोगल ने बताया कि, मैंने जब सेना के अधिकारियों से पूछा कि, वह अपने सोने के आभूषण सेना को कैसे दान दे सकती हैं? तो अधिकारियों ने बताया कि, वे सिर्फ नगदी लेते हैं। इसलिए, मैंने अपने गहने बेच दिए। मैंने उन्हें लेनदेन का पूरा बैंक विवरण प्रदान किया। इसके बाद मुझे 15 अक्टूबर को भुगतान की रसीद मिली।
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