कुलभूषण जाधव, वंदे भारत मिशन पर विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग, चीन को सिखाया ईमानदारी का पाठ
नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रूस की एससीओ दौरे के दौरान वे द्विपक्षीय रक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के लिए रूसी रक्षा मंत्री से मुलाकात करेंगे। अन्य बैठक के बारे में (चीनी समकक्ष के साथ) मुझे कोई जानकारी नहीं है।
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इन बड़े मुद्दों पर सरकारी की तैयारी से कराया अवगत
इसके अलावा अनुराग श्रीवास्तव ने कुलभूषण जाधव, वंदे भारत मिशन और भारत-चीन सीमा पर तनाव को लेकर देश को विस्तार से जानकारी दी। अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'कुलभूषण जाधव के मसले पर हम राजयनियक माध्यम के जरिए पाकिस्तान के संपर्क में हैं। उसकी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।' बता दें कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागारिक कुलभूषण जाधव के मामले की सुनवाई चल रही है। गुरुवार को अदालत ने कुलभूषण जाधव का वकील नियुक्त करने के लिए भारत को दूसरा मौका दिया है। मामले पर अब अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी है।
FDI के नियम काफी खुले
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हमारी FDI के नियम काफी खुले हैं। इसमें इंटरनेट और डिजिटल कंपनियां भी शामिल हैं। इनकी जिम्मेदारी है कि भारत के नियम कानूनों का पालन करें।' श्रीवास्तव ने आगे कहा, प्रोटोकॉल (व्यापार और पारगमन के लिए) के लिए 2 परिशिष्ट पर हस्ताक्षर करने के साथ अब मार्गों की संख्या 10 हो गई है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण सोनमुरा से दाउदकंडी मार्ग है जो बांग्लादेश के रास्ते त्रिपुरा को राष्ट्रीय जलमार्ग से जोड़ता है। इस मार्क पर दाउदकंडी ट्रायल रन शुरू हुआ है जो 5 सितंबर को सोनमुरा में संपन्न होगा।
चीन के साथ तनाव पर क्या बोले श्रीवास्तव
भारत-चीन सीमा विवाद पर बोलते हुए अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के माध्यम से रास्ता तलाशने की कोशिश की जा रही है। हम शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से सभी मुद्दों को हल करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। हम चीन से आग्रह करते हैं कि वह निर्वासन और डी-एस्केलेशन के माध्यम से सीमा क्षेत्रों में शांति बहाल करने के उद्देश्य से ईमानदारी के साथ सहयोग करे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कोरोना काल में चलाए गए वंदे भारत मिशन को लेकर बताया कि इभी तक 13 लाख लोगों को अलग-अलग माध्यमों से भारत लाया गया है। इस मिशन का छठा चरण 1 सितंबर से शुरू हो चुका है।
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