जम्मू-कश्मीर में विदेशी राजनयिकों को दिखा मजबूत लोकतंत्र, दौरे की अब तक की अहम बातें
Foreign Envoys On Jammu Kashmir Visit: श्रीनगर। विदेशी प्रतिनिधियों का एक दल अपने दो दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद की स्थिति का जायजा लेने राज्य में पहुंचा हुआ है। राजनयिकों के इस दल ने गुरुवार को जम्मू में प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया। 24 देशों के राजनयिकों के इस दल में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सदस्य भी शामिल हैं। यह दल जम्मू कश्मीर में जमीनी स्थिति का पता लगाने पहुंचा है।
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18 महीनों में तीसरी बार
विदेशी राजनयिकों का दल दौरे के दूसरे दिन जम्मू पहुंचा जहां उसने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मुलाकात की। इसके साथ ही प्रतिनिधिमण्डल ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से भी मुलाकात की।
पिछले 18 महीनों में यह तीसरी बार है जब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने और इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद विदेशी प्रतिनिधियों के दल ने इस क्षेत्र का दौरा किया है। यह दल यहां पर इस बात का पता करेगा कि यहां पर धारा 370 हटने के बाद बदले राजनीतिक माहौल में लोग किस तरह से हैं।
24 देशों के सदस्य दल में शामिल
इन देशों के प्रतिनिधियों का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 को राज्य का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद हाल ही में पहली बार 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा फिर से शुरू की गई है।
बुधवार को पहुंचे प्रतिनिधिमण्डल में फ्रांस, यूरोपीय यूनियन, इटली, फिनलैण्ड, क्यूबा, चिली, पुर्तगाल और अन्य देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इस प्रतिनिधिमण्डल में ओआईसी के सदस्य देशों मलेशिया, बांग्लादेश, सेनेगल और ताजिकिस्तान के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। प्रतिनिधिमण्डल ने जम्मू-कश्मीर के प्रशासन से मुलाकात करने से पहले स्थानीय लोगों से बातचीत के साथ ही कुछ समय पहले ही चुने गए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्यों से भी बातचीत की है।
'लोकतंत्र यहां पर स्थापित'
अभी तक मिल रही जानकारी के अनुसार दौरे पर पहुंचे प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य काफी संतुष्ट नजर आए हैं। एएनआई से बातचीत में बोलीविया दूतावास के जुआन जोस कॉर्टेज रोजास ने कहा "जो हम महसूस कर रहे हैं वो यह है कि लोकतंत्र यहां स्थापित हो चुका है। यह बहुत ही प्रभावित करने वाला है। केंद्र सरकार ने जो फैसले लिए हैं उससे यहां लोग खुश हैं।"
बुधवार को भारी सुरक्षा के बीच विदेशी राजनयिकों का दल राजधानी श्रीनगर में पहुंचा था। दल के आने के पहले अलगाववादियों ने बंद का आह्वान किया था जिसके चलते काफी दुकानें बंद थीं। यहां से विदेशी प्रतिनिधियों के दल को बड़गाम जिले के मागम ले जाया गया जहां पर उनका पारम्परिक तरीके से स्वागत किया गया। यहां पर ब्लॉक दिवस का आयोजन किया जा रहा था जिसमें पंच और सरपंच मौजूद थे।
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