एक बड़ी कार कंपनी का मालिक भारत में मंदिर के लिए कर रहा फंड इकट्ठा
फोर्ड कंपनी के मालिक और हेनरी फोर्ड के पोते अलफ्रेड फोर्ड को पश्चिम बंगाल के मायापुर में कृष्णा मंदिर बनाने के लिए गुजरात से मिला एक मिलियन डॉलर का चंदा।
अहमदाबाद। फोर्ड कंपनी के नाम से तो आप सभी काफी अच्छे से वाकिफ होंगे। इसकी गाड़ियों को खरीदना न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया के किसी भी हिस्से में खरीदना एक शान की बात माना जाता है। इस कंपनी के मालिक और फोर्ड वंश के अलफ्रेड फोर्ड भारत में हैं। आप सुनकर हैरान हो जाएंगे कि वह कृष्ण मंदिर के लिए फंड कलेक्ट करने भारत आए थे।
अलफ्रेड ने दिए हैं 250 करोड़ रुपए दान
अलफ्रेड फोर्ड जिन्होंने वर्ष 1975 में हिंदू धर्म अपनाया था, वह इस्कॉन यानी इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस प्रोजेक्ट के साथ बतौर चेयरमैन जुड़े हुए हैं। अलफ्रेड फोर्ड ने हिंदू धर्म अपनाने के बाद अपना नाम बदलकर अंबरीश दास कर लिया है। उन्होंने दुनिया के सबसे ऊंचे गुंबद वाले कृष्ण मंदिर को बनाने का मिशन शुरू किया है। फोर्ड के सपनों का मंदिर पश्चिम बंगाल के मायापुर में बनेगा। यह जगह चैतन्य महाप्रभु की जन्मस्थली है। फोर्ड अपने इस सपने को पूरा करने के लिए पिछले दिनों भारत आए थे। अलफ्रेड अब तक 250 करोड़ रुपए मंदिर के प्रोजेक्ट को दे चुके हैं और इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 500 करोड़ से लेकर 700 करोड़ रुपए तक है।
अब तक मिली कितनी डोनेशन
अलफ्रेड को भी गुजरातियों ने खुले दिल से दान किया और करीब एक मिलियन अमेरिकी डॉलर की रकम उन्हें मिली। अलफ्रेड ने इस पर काफी खुशी जाहिर की। उन्होंने एक मीटिंग में कहा, 'गुजरात वह राज्य है जिसे भगवान कृष्ण का आशीर्वाद हासिल है। मुझे यहां पर आकर काफी खुशी हुई है और कई वर्ष पहले मैं द्वारका और राजकोट आया था। फंड का कलेक्शन काफी अच्छा हो रहा है।' उन्होंने जानकारी दी कि एक मिलियन डॉलर से ज्यादा की रकम उन्हें मिली है और इसमें जसुमंतिनंदन दास ने उनकी मदद की। अगर भारतीय रुपयों में बात करें तो यह रकम करीब 6.72 करोड़ रुपए बैठती है। अलफ्रेड के मुताबिक सिर्फ तीन दिनों में ही इतनी रकम इकट्ठा हो गई है। इस मंदिर के लिए वर्ष 2009 में प्रोजेक्ट शुरू हुआ था।
कौन हैं अलफ्रेड फोर्ड
- अलफ्रेड फोर्ड, फोर्ड मोटर कंपनी के फाउंडर हेनरी फोर्ड के पोते हैं और इस समय कंपनी के बोर्ड में हैं।
- अलफ्रेड फोर्ड पहली बार वर्ष 1974 में हवाई में वैष्णव मत से परिचित हुए थे।
- उस समय श्रीला प्रभुपद ने उनका परिचय इससे कराया था।
- वर्ष 1975 में अलफ्रेड इस्कॉन से जुड़े और फिर वह प्रभुपद के साथ भारत भी आए।
- उन्होंने हवाई में पहले कृष्ण मंदिर के निर्माण में मदद की।
- इसके बाद उन्होंने डेट्रायॅट में भगवद गीता कल्चरल सेंटर के लिए 500,000 डॉलर दिए।
- रूस की राजधानी मॉस्को में वैदिक कल्चरल सेंटर के लिए भी फोर्ड ने आर्थिक मदद की है।
- होनोलुलु में हरे कृष्णा मंदिर और लर्निंग सेंटर के लिए 600,000 अमेरिकी डॉलर से एक महल खरीदा था।
- अलफ्रेड फोर्ड की पत्नी शर्मिला भी एक भारतीय हैं और उनकी बेटी की शादी भी एक भारतीय से हुई है।