देश के हीरो अभिनंदन की रिहाई के लिए पाकिस्तान की पैंतरेबाजी के मायने समझिए
नई दिल्ली- दो दिन की पैंतरेबाजी के बाद आखिरकार पाकिस्तान को विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को छोड़ने का ऐलान करना पड़ा। दो दिन तक उसे लगा कि जांबाज अभिनंदन के रूप में उसके हाथ एक ऐसा तीर लग चुका है, जिससे वह एक साथ कई शिकार कर सकता है। अभिनंदन का खौफ दिखाकर वह भारत में पाकिस्तान के खिलाफ बने माहौल को बदलना चाहता था। उसने मुस्लिम देशों पर भी भारत के खिलाफ दबाव बनाना चाहा और दक्षिण एशिया में परमाणु युद्ध का भय दिखाकर अमेरिका को भी प्रभावित करना चाहा। क्योंकि, उसकी रणनीति ही यही है कि किसी तरह आतंकी सरगनाओं पर कोई कार्रवाई न करनी पड़े और भारत आतंकवाद से परेशान होता रहे।
अभिनंदन पर भारी दबाव के चलते झुका पाकिस्तान
इंडियन एयरफोर्स के पायलट अभिनंदन को रिहा किए जाने का ऐलान करते हुए पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने कहा है कि "हिंदुस्तान के एक पायलट को हमने पकड़ा हुआ है, उनके साथ शांति की एक पहल के तौर पर कल हम उनके पायलट को रिहा कर रहे हैं।" इमरान ने ऐसा जताया कि पाकिस्तान तो शांति चाहता है, लेकिन भारत ही उसकी शांति में खलल डाल रहा है। जबकि, सच्चाई ये है कि बुधवार को भारतीय सीमा में जबर्दस्ती घुसे पाकिस्तान के जंगी विमान एफ-16 का पीछा करते हुए एयर डिफेंस में लगे विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान मिग-21 लेकर गलती से पाकिस्तानी सीमा में घुस गए थे। इस कार्रवाई में उन्होंने पाकिस्तानी फाइटर जेट को मार गिराया था, लेकिन खुद उनका अपना प्लेन पाकिस्तानी वायु क्षेत्र में क्रैश हो गया। इस दुर्घटना में पायलट अभिनंदन बच तो गए, लेकिन उन्हें पाकिस्तानियों ने पकड़ लिया। पहले पाकिस्तान ने उनका वीडियो वायरल किया और फिर खुद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने एक रिकॉर्डे बयान में उनके पकड़े जाने का दावा किया। इस दौरान भी पाकिस्तानी पीएम ने लगातार यह दिखाने की कोशिश की थी कि भारत ने उसके वायु क्षेत्र का उल्लंघन किया है। जबकि, हकीकत यह है कि भारतीय लड़ाकू विमान ने अपने सैन्य ठिकानों पर हमले के मकसद से आए उस पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को मार गिराया था, जो अमेरिका ने उसे आतंक के खिलाफ लड़ाई के लिए दिए हैं।
इशारों में बार-बार परमाणु युद्ध की धमकी
पुलवामा हमले के बाद से इमरान खान ने इस मसले पर तीन बार बयान दिया है और हरबार उन्होंने भारत को किसी न किसी रूप में यह जताने की कोशिश की है कि वह यह न भूले कि पाकिस्तान एक परमाणु ताकत है। दो बार कई कट के साथ वीडियो संदेश में और एकबार पाकिस्तानी पार्लियामेंट में दिए भाषण में उन्होंने एकबार भी पुलवामा हमले के शहीदों के प्रति दुख नहीं जताया और न ही वहां की संसद ने श्रद्धांजलि की औपचारिकता पूरी की। हद तो यह हो गई कि उन्होंने पाकिस्तानियों आतंकियों की हरकतों को लिट्टे तक से जोड़ने की असफल कोशिश कर दी। जबकि, भारत ने तो अब पुलवामा हमले का सबूत भी दे दिया है, लेकिन मौलाना मसूद अजहर और उसके जैश ए मोहम्मद पर कार्रवाई के नाम पर इमरान की चुप्पी जाहिर कर देती है कि वो एक कठपुतली सरकार के मुखिया हैं, जिसकी डोर वहां की सेना और आईएसआई के हाथों में है। आज के सभ्य समाज में कहीं से भी परमाणु हमले की धमकियां सुनने को नहीं मिलती, बल्कि विश्व समुदाय तो उसे नष्ट करने की कोशिशों में लगा हुआ है। लेकिन, अजहर, हाफिज और लखवी जैसों का पनाहगार बना हुआ पाकिस्तान भारत के खिलाफ जब भी मुंह खोलता है उससे परमाणु हमले की धमकी भरी बू जरूर आती है।
विश्व के बड़े देशों पर भी दबाव बनाने की चाल
पाकिस्तान जानता है कि दुनिया के सामने उसकी छवि बहुत ही खराब है। लेकिन, लगता है कि उसने अब इसी को अपना हथियार बना लिया है। बालाकोट में भारत के एयर स्ट्राइक के टारगेट आतंकी ठिकाने थे, पाकिस्तानी जनता या उसके सैन्य ठिकाने नहीं। उस रात तो पाकिस्तान खुली चुनौती के बावजूद भारतीय वायुसेना को बमबारी करने से नहीं रोक पाया, लेकिन अगले दिन जानबूझकर भारतीय क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमान भेजकर क्षेत्र में अशांति का माहौल पैदा करने की चाल चली। दुर्भाग्य से अपनी रक्षा में तैनात भारत का एक मिग-21 पाकिस्तान की सीमा में गिर गया और पाकिस्तान ने ऐसा माहौल खड़ा किया कि भारत ही आक्रमणकारी है। पाकिस्तान जानता है कि दोनों देशों के बीच तनाव वैश्विक शांति के लिए खतरा बन सकता है। अमेरिका जैसे देश कभी ऐसी स्थिति ज्यादा देर तक नहीं देख सकते। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का वह बयान भी इसी ओर संकेत करता है कि दोनों देशों के बीच तनाव के बीच एक अच्छी खबर आने वाली है।
कुल मिलाकर पाकिस्तान का यही प्रयास है कि वह अपनी जनता को यह संदेश दे कि भारत का बदला ले लिया गया है। विश्व समुदाय को यह संदेश दे कि उसने तो तुरंत भारतीय पायलट को रिहा कर दिया और भारत के साथ हर मसले पर बातचीत के लिए तैयार भी है। लेकिन, आतंकवाद और उसके आकाओं पर वह आसानी से कोई ठोस कदम नहीं उठाएगा, यह भी लगभग तय ही लगता। लेकिन, अब सवाल अकेले पाकिस्तान का नहीं है। इसबार भारत का मूड थोड़ा अलग है। वह अपने जांबाज हीरो के अभिनंदन के लिए तो तैयार है, लेकिन पाकिस्तान की पैंतरेबाजियों का आगे अंजाम क्या होगा, यह बड़ा सवाल है।