पिछले 7-8 महीनों में पहली बार PM मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन सर्वश्रेष्ठ थाः शिवसेना
नई दिल्ली। शिवसेना के मुखपत्र सामना में गुरूवार को छपे एक व्यंग्यात्मक संपादकीय में PM मोदी के मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन को पिछले 7-7 महीनों में सबसे अच्छा बताया है। संपादकीय के मुताबिक हालिया संबोधन में प्रधानमंत्री बिल्कुल अभिभावक की तरह बोले और उनके संबोधन का स्तर आध्यात्मिक था। आगे लिखा कि मोदी के चेहरे पर एक चमकथी, जो देश की सभी समस्याओं को दूर कर देगी।
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हालांकि संपादकीय में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी बेरोजगारी पर नहीं बोलते हैं, जबकि हर कोई उनसे इस बारे में उम्मीद करता है। प्रधान मंत्री ने कहा कि वित्तीय कारोबार बढ़ रहा है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि कोरोनावायरस के प्रकोप के बाद वो देश में बेरोजगारी के दानव को कैसे नियंत्रित करेंगे। उम्मीद की जा रही थी कि पीएम उस पर बयान देंगे, लेकिन मोदी इससे बच गए।
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संपादकीय में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा उठाए गए बिंदुओं को नहीं छुआ। उन्होंने अपने संबोधन में देश को क्या दिया? उनके भाषण में नया क्या था? उन्होंने महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए क्या दिया? उन्होंने किस वित्तीय पैकेज की घोषणा की? ऐसी आलोचना हो सकती है। फिर भी, उनका संक्षिप्त संबोधन प्रभावी था।
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