जिस मकान को बचाने के लिए आकाश ने बल्ला चलाया, उसे BJP सरकार के समय ही मिला था गिराने का आदेश
नई दिल्ली- बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय ने बुधवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में जिस मकान को बचाने के लिए कानून हाथ में लिया, दरअसल उसे ढहाने का आदेश पिछली बीजेपी के सरकार के दौरान ही दिया गया था। गौरतलब है कि जर्जर मकान को ढहाने पहुंचे इंदौर नगर निगम के अधिकारी पर आकाश विजयवर्गीय बल्ले से हमला किया था और वह विडियो वायरल हो गया। बाद में विधायक को गिरफ्तार करके 11 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
पिछली सरकार के दौरान मिला था आदेश
इंदौर-3 के बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय की गुंडागर्दी के वाक्ये से अब लगभग पूरा देश वाकिफ हो चुका है। लेकिन, अब जो खबरें आ रही हैं, उससे जाहिर हो रहा है कि उन्होंने जिस सरकारी काम में अड़ंगा डालने के लिए कानून अपने हाथों में लिया था, दरअसल उसकी तामील के लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार के समय ही आदेश जारी किया गया था। लेकिन, आकाश विजयवर्गीय ने खस्ताहाल मकान को गिराने गए निगम के अधिकारी की क्रिकेट बैट से पिटाई कर दी थी। इस दौरान वहां जमकर बवाल मचा था। विजयवर्गीय समर्थकों ने निगम के अधिकारियों के कपड़े तक फाड़ डाले थे। आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 294, 323 506, 147, 148 के तहत मामला दर्ज हुआ है।
3 अप्रैल, 2018 को जारी हुई थी नोटिस
अब ये बात सामने आ रही है कि इंदौर नगर निगम ने पिछले साल ही बारिश शुरू होने से पहले पुराने एवं जर्जर मकानों ढहाने को लेकर नोटिस जारी किया था। इसकी वजह ये बताई गई थी कि तेज बारिश में ये मकान गिर भी सकता है, जिससे बड़ा हादसा होने का खतरा है। अब ये बात सामने आ रही है कि ये नोटिस 3 अप्रैल, 2018 को ही जारी किया गया था। तब वहां बीजेपी की सरकार थी। जबकी कांग्रेस की सरकार तो पिछले साल दिसंबर में सत्ता में आई थी। यही नहीं बुधवार की कार्रवाई से पहले भी मकान मालिक को नोटिस दिया गया था और चेतावनी भी जारी किया जा चुका था। उसके बाद ही नगर निगम का अमला वहां बुल्डोजर लेकर पहुंचा था।
21 तमाशबीन कर्मचारी भी नप गए
इस बीच आकाश विजयवर्गीय कांड में इंदौर नगर निगम के 21 कर्मचारी भी नप गए हैं। उनकी बर्खास्तगी निगम ने इस आधार पर की है कि विडियो फुटेज में जब आकाश विजयवर्गीय निगम अधिकारी को बैट से पीट रहे थे, वे अपने अधिकारी को बचाने के लिए सामने नहीं आए। कुछ कर्मचारियों को विधायक के दबंग समर्थकों के साथ भी देखा गया था। इससे पहले आकाश ने अपनी करतूत पर यह कहकर सफाई देने की कोशिश की थी कि भ्रष्टाचार और गुंडई के खिलाफ उनका एक ही लाईन ऑफ ऐक्शन होगा- 'आवेदन, निवेदन और फिर दे दनादन।'