8 वर्षों में पहली बार मई माह में बढ़ी रिकॉर्ड मनरेगा रोजगार की मांग, 2.19 करोड़ परिवारों ने उठाया लाभ
नई दिल्ली। कोरोनावायरस प्रेरित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का असर ही कहेंगे कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना (MGNREGA)के तहत मई माह में करीब 2.19 करोड़ परिवारों तक इसका लाभ पहुंचा है। मई माह में मनरेगा के तहत रोजगार का लाभ उठाने वाले परिवारों में से अधिकांश वो प्रवासी है, जो शहरों से गांवों की ओर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से वापस आए थे।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मई में 2.19 करोड़ से अधिक परिवारों ने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का उपयोग किया, जो पिछले आठ वर्षों में महीने के लिए सबसे अधिक है। MGNREGA पोर्टल पर उपलब्ध वर्ष 2013-14 जानकारी से पता चलता है कि मई में काम करने वाले परिवारों की संख्या पिछले साल के इसी महीने के दौरान 2.12 करोड़ से 7.10 लाख अधिक है।
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ग्रामीण विकास मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मई 2020 में 41 करोड़ से अधिक व्यक्ति को प्रतिदिन रोजगार दिया गया, जबकि पिछले साल के इसी महीने में यह आंकड़ा लगभग 36.95 करोड़ था। उन्होंने कहा कि यह अनंतिम आंकड़े हैं, जिन्हें ऊपर की ओर संशोधित किए जाने की संभावना है, क्योंकि पिछले सप्ताह के हाजिरी रजिस्टर को आगामी पखवाड़े में अपडेट किया गया है।
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गौरतलब है औसतन करीब 2.5 करोड़ लोगों को मई में रोज़ाना नौकरी दी गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में लगभग 1.45 करोड़ लोगों को रोजगार मिला था। पिछले 10 दिनों से औसतन 3 करोड़ से अधिक लोगों को रोज़ाना नौकरी दी गई है।
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2019-20 में मई महीने के लिए 2.15 करोड़ परिवारों को रोजगार मिला
हालांकि फसल कटाई के मौसम के बाद आमतौर पर जून में रोजगार की मांग बढ़ जाती है, जो कि जून में होने वाली मांग को दर्शाता है। मसलन वर्ष 2019-20 में मई महीने के लिए 2.15 करोड़ परिवारों को रोजगार मिला जबकि वर्ष 2018-19 में 1.93 करोड़, 2017-18 में 2.28 करोड़ और 2016-17 में 2.46 करोड़ लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार हासिल हुआ था।
मई माह में मनरेगा रोजगार में बेहद बढ़त महत्वपूर्ण है
माना जा रहा है कि मई माह में मनरेगा रोजगार में बढ़त महत्वपूर्ण है, क्योंकि अप्रैल 2020 के दौरान इसमें गिरावट आई थी, लेकिन यह लॉकडाउन के प्रभावों को दर्शाता है। अप्रैल में लगभग 1.06 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत काम किया, जो पिछले साल के इसी महीने में 1.70 करोड़ से काफी कम है। कुल 19 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने मई में रोजगार प्रदान करने वाले परिवारों की संख्या में वृद्धि की सूचना दी है, जहां ज्यादातर प्रवासी गए हैं।
उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड 21.88 लाख मनरेगा रोजगार में वृद्धि देखी गई
आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड 21.88 लाख मनरेगा रोजगार में वृद्धि देखी गई, जहां पिछले वर्ष मई माह में 11.34 लाख परिवारों को ही रोजगार मिला था। यानी की यूपी में मई, 2020 में कुल 33.22 लाख लोगों को रोजगार मिला। इसके बाद पश्चिम बंगाल हैं, जहां मई, 2020 में कुल 9.91 लाख, छत्तीसगढ़ में 7.14 लाख, मध्य प्रदेश में 4.97 लाख और ओडिशा 3.11 लाख को रोजगार मिला।
12 से अधिक राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में रोजगार में गिरावट दर्ज की गई
पिछले साल के इसी महीने में एक दर्जन से अधिक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में रोजगार में गिरावट भी दर्ज की गई। सबसे अधिक गिरावट तेलंगाना में देखी गई, जहां महज 18.21 लाख को रोजगार मिला। उसके बाद तमिलनाडु में 13.29 लाख, राजस्थान में 10.21 लाख, असम में 2.90 लाख और केरल (1.55 लाख) की गिरावट दर्ज की गई। तेलंगाना ने मई में इस योजना के तहत केवल 3,884 परिवारों ने रोजगार मिलने की सूचना दी, जबकि पिछले साल मई महीने में यहां 18.25 लाख को रोजगार मिला था।
वर्ष 2020-21 के दौरान अब तक 2.47 करोड़ परिवारों को रोजगार मिला
वर्ष 2020-21 के दौरान मनरेगा के तहत अब तक 2.47 करोड़ परिवारों को काम दिया गया है जबकि 2019-20 के दौरान यह आंकड़ा 5.48 करोड़ था, जो 2010-11 (5.5 करोड़) के बाद सबसे अधिक है। पिछले वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत काम करने वाले व्यक्तियों की संख्या 7.89 करोड़ हो गई, जो 2012-13 (7.97 करोड़) के बाद सबसे अधिक है।