CAA पर संदेह को दूर करने के लिए भाजपा ने शुरू किया डोर-टू-डोर कैंपेन
भोपाल। देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच भाजपा ने मध्यप्रदेश में इस कानून से संबंधित संदेह दूर करने के लिए घर-घर जाकर अभियान शुरू किया है। भाजपा अल्पसंख्यक सेल के सदस्यों ने इस अभियान की शुरुआत की। ये लोग भोपाल के मुस्लिम इलाकों में जाकर सीएए पर लोगों के वहम को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। मुस्लिमों को जो पर्चे बांटे जा रहे हैं, उनपर उर्दू में सीएए से जुड़े तथ्य लिखे गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा प्रवक्ता हिदायतुल्ला शेख का कहना है, 'यह सब कांग्रेस द्वारा सीएए पर फैलाए गए भ्रम को उजागर करने के लिए किया जा रहा है। हालांकि इसमें थोड़ा समय लगेगा लेकिन हम निश्चित रूप से कांग्रेस द्वारा फैलाए गए झूठ को उजागर कर पाएंगे।' जहां कुछ लोगों का कहना है कि ऐसा होने से उन्हें सीएए को समझने में आसानी हो रही है, तो वहीं कुछ लोग इस अभियान को गलत भी बता रहे हैं।
कानून का विरोध करने वाली फराह नाम की महिला का कहना है, 'इस कानून के लागू होने के बाद से देश में अराजकता का माहौल है। मेरा मानना है कि जिन लोगों ने ऐसा किया है, उन्हें आगे आना चाहिए और हमारे संदेहों को दूर करना चाहिए।' भाजपा प्रवक्ता से मुलाकात के बाद अस्ताफ और मोहम्मद नाइब नामक व्यक्तियों ने कहा कि उन्हें नागरिकता संशोधन कानून के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन अब उनके कुछ संदेह दूर हो गए हैं और वे दूसरों को भी इसके बारे में बताएंगे।
सीएए के तहत तीन मुस्लिम देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए उत्पीड़न के शिकार छह गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। यानी इनमें उन्हीं लोगों को भारतीय नागरिकता मिल सकती है जो 2015 से पहले भारत आए हों और उत्पीड़न के शिकार हों। जो लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि ये संविधान के खिलाफ है। इसके साथ ही कुछ आलोचकों का तो ये भी कहना है कि जब सीएए का इस्तेमाल संभावित राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के साथ होगा तो ठीक नहीं होगा।
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