अब बनिए 'ड्रोन पायलट', लेकिन पहले यहां पढ़ लीजिए तमाम नियम कानून
नई दिल्ली। आपका हवाई जहाज के पायलट बनने का सपना भले ही पूरा ना हो पाया हो लेकिन अब आप 'ड्रोन' पायलट जरूर बन सकते हैं। नागरिक एवं उड्डयन मंत्रालय ने भारत में ड्रोन इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। रिमोटली पायलेट एयरक्राफ्ट सिस्टम (RPAS) या ड्रोन को एक दिसंबर 2018 से उड़ाया जा सकेगा। हालांकि, मंत्रालय ने इसके इस्तेमाल के लिए कुछ नियम तय किए हैं। नई नीति में रिमोटली पायलेट एयरक्राफ्ट को परिभाषित किया गया है, इन्हें कैसे, कहां, कौन और कितनी उंचाई तक उड़ा सकता है ये सभी बातें बताई गई हैं। इतना ही नहीं अगर आप इन नियमों का उल्लंघन करते हैं तो सजा भी हो सकती है। तो इसलिए यहां ध्यान से पढ़िए क्या हैं नियम।
क्या है ड्रोन ?
डीजीसीए ने रिमोटली पायलेट एयरक्राफ्ट (RPA) को एक मानव रहित विमान के रूप में दूरस्थ पायलट स्टेशन से संचालित होने वाले के तौर पर परिभाषित किया है। इसके अलावा इसे एयरक्राफ्ट नियम 1937 के तहत नागरिक विमानन आवश्यकताओं के अनुसार, नियम 15 ए और नियम 133 ए को पूरा करना होगा। ड्रोन को उड़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा और इसका एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UIN) भी होगा।
ड्रोन की होंगी पांच अलग-अलग श्रेणियां
i)
नैनो:
250
ग्राम
से
कम
या
बराबर
ii)
माइक्रो:
250
ग्राम
से
2
किलो
तक
iii)
स्माल:
2
किलो
से
25
किलो
तक
iv)
मीडियम:
25
किलो
से
150
किलो
तक
v)
लार्ज:
150
किलो
से
बड़ा
नैनो
श्रेणी
के
अलावा
सभी
ड्रोन
के
आयात
के
लिए
डीजीसीए
से
मंजूरी
लेनी
होगी
और
फिर
विदेशी
व्यापार
महानिदेशालय
रिमोटली
पायलेट
एयरक्राफ्ट
सिस्टम
(RPAS)
के
आयात
के
लिए
लाइसेंस
जारी
करेंगा
लाइसेंस जरूरी, ये हैं शर्तें
आपके पास ड्रोन है लेकिन आप इसे बगैर इजाज़त उड़ा नहीं पाएंगे, इसके लिए आपको लाइसेंस लेना होगा। लाइसेंस लेने के लिए आपकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए, आवेदक को 10वीं पास होना जरूरी है और इसके साथ ही अंग्रेजी जानना भी जरूरी रखा गया है। आपके पास डीजीसीए के नियमों के मुताबिक व्यावहारिक प्रशिक्षण भी होना जरूरी है। मानवरहित एयरक्राफ्ट ऑपरेटर परमिट (UAOP) रिमोटली एयरक्राफ्ट सिस्टम (RPAS)ऑपरेटर्स के लिए जरूरी होगा। हालांकि RPAS जो 50 फीट (15 मीटर) , 200 फीट (60 मीटर) के नीचे या सुरक्षा और सेंट्रल एजेंसी के द्वारा इस्तेमाल हो रहे हैं उनके लिए ये नहीं चाहिए होगा।
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कैसे लें लाइसेंस ?
सरकार ड्रोने के लाइसेंस लेने की प्रकिया को ऑनलाइन करेगी। इसके लिए डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म नाम का मोबाइल ऐप लाई जा रही है। इस मोबाइल ऐप पर जाकर आपको अपने ड्रोन, पायलट और मालिक का रजिस्ट्रेशन जरूर कराना होगा। इसके बाद हर उड़ान के लिए आपको अनुमति लेनी होगी। ये सिस्टम जांच पूरी होने के बाद तुरंत ही स्वचालित तरीके से अनुमति दे देगा। लेकिन अगर जांच में कोई खामी पाई जाती है तो ये आपके आवेदन को निरस्त कर देगा। ऐप के जरिए ही आपको ड्रोन उड़ाने के लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होगा। अगर आपको इजाजत नहीं मिली है तो आप ड्रोन नहीं उड़ां सकेंगे।
क्या हैं उड़ान के नियम ?
सरकार के नियमों के मुताबिक ड्रोन को अधिकतम 400 फीट की उंचाई तक ही उड़ाया जा सकेगा और ये आपको दिखते रहना चाहिए यानी आप ड्रोन को ऐसी जगह पर नहीं भेज सकते जहां ये आपकी नजरों के सामने ना रहे। सभी असैन्य ड्रोन को सिर्फ दिन के समय ही उड़ाया जा सकेगा। डीजीसीए ने स्पष्ट किया है कि कोई भी दूरस्थ पायलट किसी भी समय एक से अधिक RPA संचालित नहीं कर सकता है। थर्ड पार्टी के नुकसान को कवर करने के लिए इंश्योरेंस भी लेना होगा। दुर्घटना की रिपोर्ट डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के जरिए अपने ड्रोन की डिटेल सहित तुरंत निदेशक, एयर सेफ्टी को देनी होगी।
ये होंगे नो ड्रोन जोन
ड्रोन को मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में हवाई अड्डे की परिधि के 5 किमी के भीतर और किसी भी अन्य हवाई अड्डे की परिधि से 3 किमी के भीतर नहीं उड़ाया जा सकता है। तटीय सीमा, सभी राज्यों की राजधानी में स्थित सचिवालय, मिलिट्री इंस्टालेशंस और स्ट्रेटजिक लोकेशन के पास ड्रोन नहीं उड़ा सकते। ड्रोन अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 25 किमी के भीतर नहीं जा सकता है। जिसमें नियंत्रण रेखा (एलओसी), वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और वास्तविक ग्राउंड पोजिशन लाइन (एजीपीएल) शामिल है। ये दिल्ली में विजय चौक के 5 किमी की परिधि में भी नहीं मंडरा सकता। इसे चलते हुए वाहन, जहाज या विमान से भी संचालित नहीं किया जा सकता है। राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्य के आसपास, पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्रों में भी पूर्व अनुमति के बिना नहीं उड़ाया जा सकता।
ई-कॉमर्स कंपनियां को इजाज़त नहीं
ई-कामर्स कंपनियां ड्रोन से सामान की डिलिवरी का प्लान बना रही थीं लेकिन सरकार ने फिलहाल होम डिलिवरी के लिए ड्रोन उड़ाने की इजाजत नहीं दी है।
फोटोग्राफी
के
लिए
भी
अनुमति
वेडिंग
फोटोग्राफी
करने
के
लिए
भी
अनुमति
लेनी
होगी।
इस
बारे
में
24
घंटे
पहले
स्थानीय
थाने
को
जानकारी
देनी
होगी
और
इसके
लिए
60
मीटर
से
ऊपर
ड्रोन
उड़ाने
की
इजाजत
नहीं
होगी।
नियम
तोड़े
तो
मिलेगी
सजा
नियमों
का
उल्लंघन
करने
पर
एयरक्राफ्ट
एक्ट
1934
और
आईपीसी
की
धारा
287,
336,
337,
338
के
तहत
जुर्माना
व
दंड
मिलेगा।
साथ
ही
डीजीसीए
यूआईएन
और
यूएओपी
निलंबित
व
रद्द
भी
कर
सकता
है।
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