मणिपुर विधानसभा में आज फ्लोर टेस्ट, भाजपा-कांग्रेस ने जारी किया व्हिप
नई दिल्ली। मणिपुर में आज भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के लिए अहम दिन है। आज मणिपुर विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है, ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए आज का दिन काफी अहम है। दोनों ही दलों की ओर से अपने विधायकों को व्हिप जारी किया गया है और फ्लोर टेस्ट में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। आज के फ्लोर टेस्ट के नतीजे पर ही प्रदेश की सरकार का भविष्य टिका है। दरअसल कांग्रेस की ओर से विपक्ष के नेता ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे, जिसके बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
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व्हिप जारी
आज होने वाले विश्वास मत पर सभी विधायक अपनी वोटिंग करेंगे। वोटिंग से पहले कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया है। व्हिप में कहा गया है कि सशभी सदस्य 11 बजे तक सदन में उपस्थित रहें और मतदान में हिस्सा लें। अहम बात यह है कि जब प्रदेश में राज्यसभा चुनाव हुए थे तो कांग्रेस के कुछ विधायकों ने भाजपा के उम्मीदवार के पक्ष में वोट किया था। जिसके बाद कांग्रेस ने इन विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, ऐसे में आज फिर सभी विधायकों पर नजर रहेगी।
दो विधायकों ने किया था पार्टी के खिलाफ वोट
जिन दो विधायकों ने भाजपा समर्थित उम्मीदवार को वोट दिया था वो इमो सिंह और ओकराम हेनरी सिंह हैं। इन दोनों ही विधायकों को कांग्रेस की ओर से नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस के जवाब में दोनों ही विधायकों की ओर से कहा गया है कि भाजपा का उम्मीदवार राज्यसभा सीट का ज्यादा हकदार था। हालांकि विधायकों का कहना है कि वह अब भी पार्टी के साथ हैं। ऐसें आज फ्लोर टेस्ट से पहले पार्टी ने व्हिप जारी कर दोनों ही विधायकों से दिशा निर्देशों का पालन करने को कहा है।
सियासी उठापटक
पिछले कुछ दिनों से मणिपुर में सियासी उठापटक चल रही है। प्रदेश में भाजपा की सरकार के भीतर बगावती सुर उठने लगे। सरकार में कुछ मंत्री और विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत कर दी। जिसकी वजह से प्रदेश में सियासी घमासान शुरू हो गया। यही नहीं भाजपा नेता का नाम भी ड्रग्स केस में आने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। इस पूरे सियासी घमासान में कांग्रेस सरकार पर निशाना साधने से चूक नहं रही है और 28 जुलाई को विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि ड्रग्स केस की सीबीआई जांच जानबूझकर सरकार नहीं करा रही है क्योंकि इस केस में भाजपा नेता का नाम सामने आया है।
नंबर गेम
गौरतलब है कि प्रदेश विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं। मौजूदा समय में कुल विधायकों की संख्या की बात करें तो यह 53 है। चार विधायक दल बदल कानून की वजह से अयोग्य करार दे दिए गए हैं, वहीं तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के पास कुल 24 विधायक हैं, जबकि भाजपा गठबंधन के पास 29 विधायक हैं। भाजपा के पास 18,एनपीपी के पास 4, एनपीएफ के पास 4 विधायक हैं। वहीं एक विधायक टीएमसी का और एक विधायक लोक जनशक्ति पार्टी और एक निर्दलीय विधायक है।