साल 2020 के वो 6 घातक हथियार जिनसे बढ़ी Indian Army की ताकत
नई दिल्ली। Indian Army: भारत के रक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (DRDO) ने हाल ही में मध्यम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। लेकिन ये इकलौता हथियार नहीं है बल्कि इस साल भारत ने कई हथियार भारतीय सेना में शामिल किए हैं। आइए ऐसे ही बड़े और घातक हथियारों के बारे में जानते हैं जो भारत को हासिल हुए हैं जिनसे सेना की ताकत और बढ़ी है।
राफेल विमान का भारत पहुंचना
भारतीय वायु सेना के लिए इस साल की सबसे बड़ी घटना थी राफेल विमानों का भारत पहुंचना। पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा 28 जुलाई को भारत पहुंचा था। फ्रांस में निर्मित ये विमान बिना कहीं रूके फ्रांस से भारत पहुंचे थे। इस दौरान रास्ते में हवा में ईंधन भरने के लिए फ्रांसीसी वायुसेना का एक विमान भी साथ आया था। इसके बाद राफेल विमानों का दूसरा जत्था 5 नवम्बर को भारत पहुंचा था। इस नई पीढ़ी के विमानों के वायु सेना का हिस्सा बनने से भारतीय सेना की ताकत में अभूतपूर्व इजाफा हुआ है।
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SMART टारपीडो सिस्टम
इसी साल अक्टूबर में डीआरडीओ ने मिसाइल असिस्टेड टारपीडी सिस्टम SMART का सफलतापूर्वक टेस्ट किया। इस हथियार को समुद्र में लड़ाई के दौरान गेम चेंजर कहा जा रहा है। स्मार्ट सिस्टम को एंटी सबमरीन सिस्टम का चेहरा बदलने वाली तकनीक बताया गया है। यह एक खास किस्म का हथियार है जिसे मिसाइल के साथ लांच किया जाता है। इस मिसाइल में एक टारपीडो लगा होता है जब यह दुश्मन के जहाज या फिर पनडुब्बी के नजदीक पहुंचती है तो इस टॉरपीडो को गिरा देती है इसके बाद यह टॉरपीडो अपने लक्ष्य को भेद सकता है। इसकी रेंज 650 किमी है।
वायुसेना को मिला बेजोड़ अस्त्र
भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने में डीआरडीओ का सबसे अहम योगदान है। इस साल 18 दिसम्बर को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अस्त्र मिसाइल (Astra MK-I) वायुसेना प्रमुख को सौंपा। यह पूरी तरह स्वदेश निर्मित यह मिसाइल हवा में ही दुश्मन के हमले को नेस्तूनाबूद कर सकती है। अक्टूबर में ही इस मिसाइल का सुखोई विमान के साथ सफल परीक्षण किया गया था। अस्त्र पूर्ण रूप से देश में विकसित की गई पहली बीवीआर (Beyond Visual Range) मिसाइल है जिसे एसयू-30, एलसीए और मिग-29K एयरक्राफ्ट से 100 किमी की दूरी से लॉंच किया जा सकता है।
बॉर्डर पर होगी BOSS की नजर
इसी साल भारत ने बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम लद्दाख में तैनात किया है। इसे दिन और रात के सर्विलांस के उद्येश्य से बनाया गया है। इस रडार सिस्टम में हाईटेक एक्सआर इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर लगे हुए हैं जो दिन-रात निगरानी करेंगे। इन्हें हाईब्रिड एनर्जी सोर्स के साथ ऊंचाई वाले इलाकों में लगाया गया है जिससे अब सेना को जीरो डिग्री से नीचे के तामपान में भी दुश्मन की घुसपैठ या फिर सैनिकों की पेट्रोलिंग का पता चल जाएगा। हाल ही में चीनी सैनिकों की घुसपैठ को देखते हुए इस रडार सिस्टम को ब्रह्मास्त्र कहा जा रहा है। अब पहले ही घुसपैठ का पता लगने पर सेना सतर्क हो सकेगी।
MRSAM का सफल परीक्षण
इसी महीने डीआरडीओ ने एक और मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल (MRSAM) का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया। यह जमीन से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल है जिसकी रेंज 100 किमी तक है। इसका नेवल वर्जन बराक-8 पहले से ही मौजूद है जिसे पहले ही नौसेना को दिया जा चुका है। इस मशीन से भारतीय सेना को दुश्मन के हवाई हमले को नाकाम करने के लिए एक और हथियार मिल जाएगा।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल
इसी साल अक्टूबर में भारतीय नौसेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल को तैनात भारतीय नौसेना के विध्वंसक आईएनएस चेन्नई से लांच किया गया। मिसाइल ने अरब सागर में टारगेट को सफलतापूर्वक नष्ट करने में सफलता पाई थी। ब्रह्मोस लंबी दूरी के लक्ष्य को निशाना बनाने के लिए निर्मित है और यह युद्धपोत को दुश्मन पर बढ़त दिलाएगा। इस मिसाइल को भारत और रूस ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
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