Flashback 2020: चुनाव जीतने से लेकर किसान आंदोलन तक, AAP के लिए कैसा रहा बीता साल
नई दिल्ली। Year 2020 For AAP: आम आदमी पार्टी (आप) के लिए साल 2020 बेहद यादगार और प्रभावशाली रहा है। साल की शुरुआत पार्टी के लिए काफी अच्छी रही, जब पार्टी दिल्ली विधानसभा की 70 में से 62 सीट जीतकर एक बार फिर सत्ता में आई। फरवरी में ही अरविंद केजरीवाल तीसरी बार राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। पार्टी नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह का कहना है कि दिल्ली विधानसभा में मिली जीत केवल पार्टी के लिए एक जीत नहीं थी, बल्कि ये काम आधारित राजनीति की जीत थी। अब पार्टी का उद्देश्य 2021 में बाकी राज्यों में चुनाव जीतना और वहां दिल्ली मॉडल को लागू करना है।
इन सुविधाओं के बल पर लड़ा चुनाव
आम आदमी पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए चुनावी रैलियों के अलावा कई टाउनहॉल बैठकें भी कीं। प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली कंपनी I-PAC ने चुनाव संचालन का काम किया था। वहीं केजरीवाल ने भी ये साफ कह दिया था कि वह चुनाव काम के आधार पर लड़ेंगे और पार्टी किसी भी तरह की गंदी राजनीति में शामिल नहीं होगी। चुनाव प्रचार में सबसे अधिक प्रचार इन सुविधाओं का किया गया- महिलाओं के लिए मुफ्त डीटीसी बस, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी और सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल करवाना। तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि वह हर किसी को अपने साथ आगे बढ़ाना चाहते हैं।
कोरोना जैसी चुनौती का सामना किया
कार्यभार संभालने के बाद केजरीवाल ने जिस सबसे बड़ी चुनौती का सामना किया है, वो है कोरोना वायरस महामारी। ये दिल्ली सरकार के लिए सबसे बड़ी और पहली चुनौती थी। केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वह देशभर के हर गांव, गली, पड़ोस में जाकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में लोगों की मदद करें। उन्होंने एक कैंपेन भी शुरू किया, जिसमें पार्टी कार्यकर्ता ऑक्सीमीटर की मदद से लोगों का ऑक्सीजन लेवल चेक करते थे। पार्टी की ओर से लॉकडाउन के दौरान लोगों को मुफ्त खाना भी मुहैया करवाया गया। पार्टी ने अपना काम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी किया, जहां वह विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
क्या है पार्टी का 2021 का विजन?
संजय सिंह ने पार्टी के 2021 के विजन को लेकर कहा कि आम आदमी पार्टी अपनी पहुंच अन्य राज्यों तक बढ़ाएगी। उन्होंने कहा, 'हमारा 2021 का सपना अन्य राज्यों में भी दिल्ली मॉडल को लागू करना है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सीसीटीवी, पानी, महिला सुरक्षा, महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा-- जो भी हमने दिल्ली में किया है, वही अन्य राज्यों में भी करेंगे।' सिंह ने कहा कि वह इन राज्यों में जिस सबसे बड़ी चुनौती का सामना करने की उम्मीद कर रहे हैं, वह है "तानाशाही सरकारों" के सामने लोगों के मुद्दों को कैसे उठाया जाए?
किसानों के समर्थन में उतरी पार्टी
आम आदमी पार्टी मजबूती के साथ उन किसानों के समर्थन में भी उतरी है, जो केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। ये किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं। केजरीवाल सरकार ने इन्हें वाई-फाई सहित कई तरह की सुविधाएं भी दी हैं। पार्टी ने भाजपा शासित एमसीडी पर 2500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। जिस दौरान केजरीवाल किसानों से मिलने गए, तब उनके हाऊस अरेस्ट की खबर भी सामने आई थी, जिसे दिल्ली पुलिस ने खारिज कर दिया था। बेशक 2020 महामारी वाला साल रहा है लेकिन ये आम आदमी पार्टी के लिए अच्छा भी साबित हुआ। क्योंकि पार्टी को अन्य राज्यों तक अपनी पहुंच मजबूत करने का मौका मिल गया।
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