Flashback 2020: बीत रहा है बुरा साल 2020, लेकिन इन 7 विवादों के लिए हमेशा रहेगा याद
साल 2020 बीतने के बावजूद नए साल में ये सात बड़े विवाद हमेशा याद रहेंगे।
नई दिल्ली। Big controversies of 2020 in India. साल 2020 के बीतने में अब चंद ही दिन बाकी बचे हैं और लोगों को बेसब्री से नए साल 2021 का इंतजार है। नए साल का ये इंतजार इसलिए भी काफी अहम है, क्योंकि साल 2020 अपने साथ कोरोना वायरस जैसी महामारी लेकर आया, जिसने कई अपनों को हमसे छीन लिया और साथ ही देश की एक बड़ी आबादी के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया। अपने घरों से दूर दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में गए गरीब मजदूरों को पैदल ही वापस अपने घर लौटना पड़ा। इसके अलावा साल 2020 में कई तरह के बड़े विवाद (Controversies of 2020) भी सामने आए। आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसे ही विवादों पर, जो इस साल सुर्खियों में रहे।
दीपिका पादुकोण का जेएनयू छात्रों को समर्थन
एसिड अटैक पीड़िताओं के मुद्दे पर बनी फिल्म 'छपाक' की रिलीज से ठीक दो दिन पहले फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण 7 जनवरी को जेएनयू पहुंची और छात्रों को अपना समर्थन दिया। दरअसल, कुछ बाहरी लोगों ने जेएनयू परिसर में घुसकर छात्र-छात्राओं के ऊपर हमला किया था, जिसमें कई छात्र और छात्राएं घायल हुए थे। छात्रों का समर्थन कर दीपिका पादुकोण विवादों में घिर गईं और ट्विटर पर उनकी फिल्म 'छपाक' का बायकॉट करने की मांग भी उठी। हालांकि काफी लोगों ने इस कदम के लिए दीपिका पादुकोण का समर्थन किया और कहा कि जिस समय ऐसी घटनाओं पर बॉलीवुड चुप है, उस समय दीपिका ने सामने आकर बहादुरी का परिचय दिया है। इस मुद्दे को लेकर काफी विवाद हुआ।
नागरिकता संशोधन कानून
साल 2020 की शुरुआत नागरिकता संशोधन कानून पर विवाद से भी हुई। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दिसंबर 2019 में नागरिक संशोधन कानून संसद में पास किया और 10 जनवरी 2020 से यह लागू हो गया। इस कानून के खिलाफ सबसे पहले दिल्ली की जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में विरोध हुआ, जिसमें कई छात्र-छात्राएं गंभीर रुप से घायल हुए। इसके बाद दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में बड़ी संख्या में लोग नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरने पर बैठ गए। शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कुल 101 दिनों तक लोगों का धरना-प्रदर्शन चला, जिसे 24 मार्च 2020 को कोरोना वायरस महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया।
दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे धरने-प्रदर्शन के बीच फरवरी में जाफराबाद इलाके में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए। सैकड़ों की संख्या में लोगों के घरों को आग लगा दी गई और देखते ही देखते पूर्वोत्तर दिल्ली का एक बड़ा हिस्सा दंगों की चपेट में आ गया। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए। मृतकों में इंटेलीजेंस ब्यूरो के एक अधिकारी भी शामिल थे। इन दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस के ऊपर एकतरफा कार्रवाई के भी आरोप लगे।
सुशांत सिंह राजपूत केस
14 जून 2020 को बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर ने पूरे फिल्म जगत को हिलाकर रख दिया। सुशांत सिंह राजपूत ने अपने फ्लैट के अंदर फांसी लगाकर खुदकुशी की थी। इस मामले में सबसे पहले अभिनेत्री कंगना रनौत ने नेपोटिज्म का आरोप लगाते हुए फिल्म जगत के कई दिग्गजों को कठघरे में खड़ा कर दिया। इसके बाद सुशांत के पिता ने अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के खिलाफ अपने बेटे को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए बिहार में केस दर्ज कराया। मामले की जांच के लिए बिहार पुलिस के अफसर मुंबई पहुंचे, लेकिन मुंबई पुलिस के ऊपर सहयोग ना करने का आरोप लगाया। मुंबई और बिहार पुलिस के बीच चल रही खींचतान के बाद सुशांत सिंह राजपूत का केस सीबीआई को सौंप दिया गया। इसके बाद ईडी और फिर एनसीबी भी इस केस में शामिल हो गए, लेकिन सुशांत सिंह राजपूत की मौत आज भी एक रहस्य ही बनी हुई है।
कंगना रनौत के दफ्तर पर बुल्डोजर
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत अपने ट्वीट्स को लेकर सालभर विवादों में रहीं। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अभिनेता कंगना रनौत ने कई बार अपने ट्वीट्स में महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को निशाने पर लिया। यही नहीं, कंगना ने मुंबई की तुलना पीओके तक से कर डाली। इसके बाद कंगना रनौत और शिवेसना के सांसद संजय राउत के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई। हालांकि, सबसे बड़ा विवाद उस समय खड़ा हुआ, जब बीएमसी ने मुंबई में कंगना रनौत के दफ्तर को अवैध निर्माण मानते हुए बुल्डोजर चला दिया। कंगना रनौत ने अपना दफ्तर तोड़े जाने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने कंगना रनौत के हक में अपना फैसला दिया।
बॉलीवुड का ड्रग्स कनेक्शन
2020 के बड़े विवादों में बॉलीवुड का ड्रग्स कनेक्शन भी शामिल रहा। दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत मामले में ड्रग्स कनेक्शन सामने आने के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने इस केस में अपनी जांच शुरू की। एनसीबी के रडार पर सबसे पहले सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक चक्रवर्ती आए। एनसीबी ने दोनों के खिलाफ सुशांत सिंह राजपूत के लिए ड्रग्स मुहैया कराने के आरोप में केस दर्ज किया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, रकुलप्रीत सिंह, सारा अली खान और श्रद्धा कपूर का नाम भी ड्रग्स कनेक्शन में सामने आया, लेकिन इन चारों की कोई भूमिका नहीं मिली। बॉलीवुड में ड्रग्स के मामले को गोरखपुर से सांसद और अभिनेता रविकिशन ने संसद में उठाया, जिसपर राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री का बचाव किया। पिछले दिनों कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति को एनसीबी ने ड्रग्स मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद हाल ही में अभिनेता अर्जुन रामपाल के घर पर एनसीबी ने छापा मारा और उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजा।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन
साल 2020 के सबसे बड़े विवादों में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून भी शामिल रहे। कोरोना वायरस महामारी के बीच संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार तीन नए कृषि कानून लेकर आई, जिन्हें लेकर संसद से सड़क तक विरोध देखने को मिला। सरकार ने इन कानूनों के पक्ष में तर्क देते हुए कहा कि नए कृषि कानून किसानों को अपनी फसल देश में कहीं भी बेचने की आजादी, बिचौलियों से मुक्ति और उनकी आय बढ़ाने के मकसद से लाए गए हैं। वहीं, किसान संगठनों ने इन कानूनों का विरोध करते हुए कहा कि नए कृषि कानून पूरी तरह से कॉरपोरेट जगत को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान संगठन बीते 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।