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Flashback 2020: गलवान घाटी में भिड़े भारत-चीन के सैनिक, 45 साल बाद चीनी बॉर्डर पर शहीद हुए भारतीय सैनिक

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नई दिल्‍ली। इस वर्ष पूरी दुनिया के साथ भारत भी कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने में लगा था। जहां एक तरफ देश की सेनाएं कोरोना वायरस से जूझने में सरकार और जनता की मदद के लिए आगे आ रही थीं तो वहीं दूसरी ओर पूर्वी लद्दाख में चीन से अपनी जमीन बचाने की कोशिशों में लगी थी। इस साल गर्मियों में मई माह से ही पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारतीय सेना और पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के जवान आमने-सामने हैं। 15 जून को दोनों देशों के बीच टकराव हिंसक हो गया। लद्दाख की गलवान घाटी में हुए संघर्ष में भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए।

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15 जून को चीन ने अचानक बोला हमला

पीएलए के साथ हुई मुठभेड़ में इंडियन आर्मी की 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कर्नल संतोष बाबू के साथ ही 20 और सैनिकों ने एलएसी पर अपनी जान गंवा दी। सन् 1975 के बाद से यह पहला मौका था जब चीन से लगी लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत को अपने सैनिक गंवाने पड़े। जो बात और भी हैरान करने वाली थी उसके मुताबिक इस मुठभेड़ में दोनों तरफ से एक भी गोली नहीं चली थी। चीन की सेना ने अचानक हमला बोल दिया था। सब हैरान रह गए थे कि जब डि-एस्‍कलेशन की कोशिशें जारी थीं तो फिर अचानक 15 जून की रात ऐसा क्‍या हो गया कि चीनी जवानों ने हमला कर दिया। सूत्रों की तरफ से बताया गया कि सारा मसला 15 जून को रात 11:30 बजे से शुरू हुआ था। उस समय दोनों तरफ से जवानों का पीछे हटने का सिलसिला जारी था। इसी समय कर्नल संतोष बाबू ने चीनी जवानों से पांच किलोमीटर पीछे चले जाने को कहा। चीन की सेना इसी बात से भड़क गई और उसने अपशब्‍द कहने शुरू कर दिए। इसके बाद दोनों तरफ से मारपीट शुरू हो गई और फिर चीनी जवानों ने पत्‍थर और सरिया से हमला कर दिया।

45 साल पहले LAC पर शहीद हुए थे भारतीय सैनिक

बताया जा रहा है कि चीन को भी भारतीय सेना की तरफ से करारा जवाब दिया गया था। खबर आई कि भारत के 20 तो चीन के भी करीब 43 सैनिक इस हाथापाई में मारे गए हैं। लेकिन चीन ने आज तक अपने मारे गए सैनिकों के बारे में कुछ नहीं बताया है। सन् 1975 के बाद से यह पहला मौका है जब चीन से लगी लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर सेना को अपने सैनिक गंवाने पड़े हैं। 45 साल पहले अरुणाचल प्रदेश में भारतीय दल जिस समय गश्‍त पर था उस पर चीनी जवानों ने हमला बोल दिया था। पूर्व सेना प्रमुख और अब बीजेपी सरकार में मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने कहा था कि अगर इंडियन आर्मी ने अपने 20 बहादुर सैनिक 15/16 जून को हुए संघर्ष में गंवाएं हैं तो चीन के डबल सैनिक उन्‍होंने ढेर किया है। जनरल सिंह के मुताबिक चीन के करीब 43 सैनिक मारे गए हैं। जनरल सिंह के मुताबिक चीन कभी भी अपने मारे हुए सैनिकों के बारे में कभी सार्वजनिक तौर पर नहीं स्‍वीकारेगा क्‍योंकि यन् 1962 की जंग में भी उसने ऐसा ही किया था।

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English summary
Flashback 2020: after 45 years Indian army soldiers lost lives at India-China border in Galwan clash.
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