इन पांच लोकसभा सीटों पर होने हैं उपचुनाव, 2019 से पहले बीजेपी की बड़ी परीक्षा
चार राज्यों की 5 सीटों पर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं जिसके लिए अभी चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन अभी जारी नहीं किया है
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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट और बिहार की अररिया लोकसभा सीट के नतीजों के बाद लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी की सीट 274 तक पहुंच गई है जो कि केंद्र में सरकार में बने रहने के लिए जादुई अंक 272 से 2 सीट अधिक है। पिछले एक महीने में भारतीय जनता पार्टी अपने शासन वाले दो राज्यों में लोकसभा की चार सीटें हार चुकी है। भाजपा के नेता भले कहें कि यह उनके शासन के कामकाज पर जनादेश नहीं है। पर हकीकत यह है कि राजस्थान और उत्तर प्रदेश की चार लोकसभा सीटों में भाजपा की हार ने पार्टी नेताओं को चिंता में डाला है। तभी अलग-अलग चार राज्यों की पांच लोकसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। ये पांच लोकसभा उपचुनाव केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी दोनों के लिए लिट्मस टेस्ट है।
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महाराष्ट्र की दो लोकसभा सीट हैं
चार राज्यों की 5 सीटों पर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं जिसके लिए अभी चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन अभी जारी नहीं किया है। इनमें महाराष्ट्र की दो लोकसभा सीट है जबकि यूपी के कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है वहीं एक सीट जम्मू कश्मीर से है तो एक सीट नागालैंड की है। भाजपा ने दावा किया है कि वह महाराष्ट्र में खाली हुई लोकसभा की दो सीटों पर वह जीतेगी। पार्टी के जानकार सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर सीट पर भाजपा की हार के बाद पार्टी नेतृत्व की ओर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को हर हाल में दोनों सीटें बचाने के लिए कहा गया है। खाली हुई दो सीटों में से एक सीट फड़नवीस के विदर्भ इलाके में है। भाजपा ने इन दोनों सीटों पर उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।
बीजेपी-कांग्रेस में टक्कर
एक सीट भंडारा गोंदिया की है, जहां से जीते भाजपा के सांसद नाना पटोले ने भाजपा छोड़ कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। पटोले इस सीट पर एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल को हरा कर जीते थे। भाजपा को लग रहा है कि इस सीट को लेकर कांग्रेस और एनसीपी में खींचतान होगी और भितरघात भी होगी, जिसका फायदा भाजपा को मिलेगा। इसी तरह पालघर सीट भाजपा के सांसद के निधन से खाली हुई है। वहां भाजपा को सहानुभूति मिलने की उम्मीद है।
अगला टेस्ट कैरान लोकसभा सीट है
महाराष्ट्र की दो सीटों के बाद भाजपा के लिए सबसे अहम उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट का उपचुनाव है। पार्टी के दिग्गज नेता हुकूम सिंह के निधन से खाली हुई इस सीट पर भाजपा उनकी बेटी मृंगाका सिंह को लड़ाने की तैयारी में हैं। मृगांका विधानसभा का चुनाव भी अपने पिता की खाली हुई सीट से लड़ी थीं पर हार गई थीं। सपा-बसपा के साथ आने का अगला टेस्ट कैरान लोकसभा सीट है। फुलपुर-गोरखपुर में सपा के पास आने के बाद अब कैराना में माना जा रहा है कि बसपा अपना उम्मीदवार उतार सकती है। ऐसे में बसपा उम्मीदवार को सपा समर्थन कर सकती है। जिस प्रकार फूलपुर और गोरखपुर में बसपा ने सपा उम्मीदवार को समर्थन किया था।
नागालैंड में भी होगा उपचुनाव
वहीं एक सीट जम्मू कश्मीर से है जो महबूबा मुफ्ती के सीएम बनने के बाद खाली हुई है। वहीं नागालैंड में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की खाली की हुई सीट पर उपचुनाव होगा। इस सीट पर भाजपा की पुरानी सहयोगी नगा पीपुल्स फ्रंट जोर लगाएगी और कांग्रेस उसका समर्थन करेगी। वहीं बीजेपी के सहयोगी दल इन दोनों सीटों पर ताल ठोक सकते है। कुल मिलाकर ये पांचों लोकसभा सीट बीजेपी के लिए एक बड़ा चैलेंज है।
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