तस्वीरों में देखिए दिल्ली की मैजेंटा लाइन मेट्रो की पहली झलक, 25 दिसंबर से होगी शुरू
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नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की मैजेंटा लाइन मेट्रो दौड़ने के लिए तैयार है। नोएडा के बोटेनिकल गार्डेन से कालका जी मंदिर तक यह मेट्रो चलेगी। 25 दिसंबर को शाम 5 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मेट्रो लाइन का उद्घाटन करेंगे। पहली मेट्रो पैसेंजर्स को लेकर कालकाजी तक जाएगी। इस लाइन के शुरू हो जाने के बाद दक्षिण दिल्ली से नोएडा के बीच की यात्रा समय में 19 मिनट की कमी आएगी। दिल्ली मेट्रो की नई मैजेंटा लाइन में कई नई चीजें देखने को मिलेगी। मैजेंटा लाइन की तस्वीरें सामने आई हैं। तो तस्वीरों के माध्यम से जानिए इस मेट्रो की खासियत
बिना ड्राइवर के चलेगी मैजेंटा लाइन मेट्रो
DMRC के अधिकारियों के मुताबिक अनटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन (UTO) से पहली बार बिना चालक के मेट्रो दौड़ेगी। इसमें संचार आधारिक ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (CBTC) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। मेट्रो के बॉटेनिकल गार्डन(नोएडा) से जनकपुरी पश्चिम (दिल्ली) कॉरीडोर के बीच की दूरी 12.64 किलोमीटर होगी। इसमें नौ स्टेशन होंगे।
प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स का इस्तेमाल पहली बार
डीएमआरसी के मुख्य प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा कि इस लाइन के हिस्से में कई ऐसी खूबियां है, जिनका इस्तेमाल मेट्रो पहली बार कर रहा है। प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी) का यहां पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है। पीएसडी शीशे की बनी स्क्रीन होती है, जिन्हें प्लेटफॉर्म के किनारे लगाया जाता है। जो तभी खुलती हैं, जब एक ट्रेन स्टेशन पर आती है और ट्रेन के स्टेशन से रवाना होते ही ये दरवाजे फिर बंद हो जाते हैं। इन्हें यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से लगाया गया है।
सौर ऊर्जा से लैस है मजेंटा लाइन के 9 मेट्रो स्टेशन
9 स्टेशनों को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा प्लेटिनम के तौर पर प्रमाणित किया गया है। इनकी छत पर 908 किलोवाट के सौर सयंत्र लगाए गए हैं। मैजेंटा लाइन की मेट्रो ब्लू लाइन की तुलना में काफी अलग है। सुरक्षा के लिहाज से प्रत्येक कोच में 4 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा प्रत्येक कोच के बाहर 2 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।
ट्रेन में होंगे 3 रंग के चेयर्स
ट्रेन में 3 रंग की चेयर के साथ प्रत्येक कोच में 40 से 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। एलइडी स्क्रीन है, जिसके जरिए आने वाले स्टेशन के बारे में जानकारी मिल सकेगी। कोच के प्रत्येक गेट पर इमरजेंसी बटन लगाए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर सीधे चालक या गार्ड से बातचीत की जा सके। डीएमआरसी की यह पहली मेट्रो लाइन है, जो स्टैंर्ड गेज पर आधारित है। यह ट्रैक ब्लू लाइन से अलग है। ब्लू लाइन ब्रॉड गेज पर आधारित है। स्टैंर्ड गेज होने से मेट्रो के अंदर मुसाफिरों को अधिक स्थान मिलेगा। यानी इसकी क्षमता काफी ज्यादा होगी।