Cyclone Tauktae 2021: कोरोना संकट के बीच मंडराया 'साइक्लोन' का खतरा, जानिए भारत में कब और कहां देगा दस्तक?
नई दिल्ली, 12 मई। कोरोना संकट से जूझ रहे भारत पर अब चक्रवाती प्रहार होने वाला है क्योंकि भारतीय मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि अरब सागर में एक साइक्लोनिक प्रेशर बन रहा है जो कि 16 मई को 'चक्रवात' का रूप धारण कर सकता है। यह साल 2021 का पहला चक्रवाती तूफान है, जिसका नाम म्यांमार ने 'टूकटा' रखा है, जिसका अर्थ होता है 'गेको' यानी कि 'गर्म जलवायु में पाइ जाने वाली घरेलू छिपकली'। ये तूफान कितना भयानक होगा इस बारे में अभी कोई बुलेटिन जारी नहीं हुआ है लेकिन इस साइक्लोन की वजह से 16 मई से लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में भारी बारिश होने की आशंका है, जो कि कई दिनों तक प्रभावी रह सकती है।
साल 2021 का पहला चक्रवाती तूफान
IMD की तरफ से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि 14 मई की सुबह साउथ-ईस्ट अरब सागर पर एक लो प्रेशर का क्षेत्र विकसित होगा जो कि नार्थ-वेस्ट की ओर आगे बढ़ेगा, जो कि 16 मई को ये एक शक्तिशाली चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा। इसलिए लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के तटीय इलाकों के मछुआरों को समुद्र में जाने से रोका गया है, उनसे कहा गया है कि वो 14-16 मई के बीच समुद्र में ना जाएं।
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गोवा और महाराष्ट्र में भी दिखेगा असर
इस तूफान का असर गोवा और महाराष्ट्र में भी देखने को मिल सकता है, यहां भी भारी बारिश का अनुमान है। तूफान के वक्त तेज हवाएं चलेंगी, जिनकी गति 40-60 किलोमीटर / घंटा हो सकती है और इस दौरान लक्षद्वीप में ज्वार की लहर भी उठ सकती है।
क्या होते हैं चक्रवात?
दरअसल लो एयर प्रेशर की वजह से वायुमंडल में व्याप्त गर्म हवा तेज आंधी में तब्दील हो जाती है, जिसे कि 'चक्रवात' कहा जाता है। भारत और दुनिया भर के तटीय इलाके हमेशा 'चक्रवाती तूफानों' से जूझते रहते हैं, इनके नाम जगह के हिसाब से अलग-अलग होते हैं, कहीं इन्हें साइक्लोन, कहीं हरिकेन और कहीं टाइफून कहा जाता है। इंडिया में तूफान हिंद या साउथ प्रशांत महासागर से आते हैं इस वजह से इन्हें साइक्लोन की संज्ञा दी जाती है, जबकि नार्थ-ईस्ट सागर से आने वाले तूफान को हरिकेन और नार्थ-वेस्ट से आने वाले तूफान को टायफून कहते हैं।
कैसे रखें जाते हैं 'चक्रवातों' के नाम
साल 1945 से 'विश्व मौसम संगठन' ने 'चक्रवातों' को नाम देने का निर्णय लिया था लेकिन साल 2000 में 'चक्रवात' के बारे में जानकारी 'भारतीय मौसम विभाग' देने लग गया और इसके लिए उसने 8 देशों की एक कमेटी बनाई है, जिन्हें कि अल्फाबेटिकल ऑर्डर में रखा गया है। ये आठ देश थे बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड लेकिन साल 2018 में इस लिस्ट में ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन भी शामिल हो गए हैं।