असम: NRC कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला के खिलाफ 2 FIR दर्ज, जानबूझकर नाम निकालने का आरोप
गुवाहाटी: असम में एनआरसी की लिस्ट जारी होने के बाद से इसकी प्रक्रिया को लेकर सवाल उठ रहे हैं। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के असम कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला के खिलाफ दो केस दर्ज किए गए हैं। उन पर वास्तविक भारतीय नागरिकों को एनआरसी की अंतिम लिस्ट से जानबूझकर बाहर करने के लिए दो एफआईआर गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में दर्ज की गई है।
प्रतीक हजेला के खिलाफ पहली एफआईआर 3 सितंबर को दर्ज की गई है।असम गोरिया मोरिया युवा छात्र परिषद ने हजेला के खिलाफ पहला केस गोवाहटी में दर्ज कराया है। इसमें कई भारतीय नागरिकों को जानबूझकर एनआर लिस्ट से बाहर करने का आरोप है। ये संगठन असम के मुस्लिम मूल निवासियों गरिया और मारिया का प्रतिनिधित्व करता है। संगठन के एक प्रवक्ता ने कहा कि ये विसंगतियों से भरा हुआ है। इसमें एक हा परिवार के सदस्यो को जगह मिली है जबकि दूसरे बाहर हैं। उन्होंने कहा कि कम से कम राज्यों के मूल निवासियों के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था। प्रवक्ता ने कहा कि हजेला के खिलाफ शिकायत इसलिए दर्ज की गई है ताकि सरकार एनआरसी अपडेट करने की पूरी प्रक्रिया की जांच कर सके।
4 सितंबर को ऑल इंडिया लीगल एड फोर्म के सदस्य चंदन मजूमदार ने हजेला के खिलाफ पूर्वी असम के डिब्रूगढ़ में दूसरी एफआईआर दर्ज कराई है। चंदन का आरोप है कि उसके परिवार का नाम एनआरसी से जानबूझकर निकाला गया है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता साल 1947 में यहां बस गए थे और मेरा जन्म यहीं हुआ है। इसके अलवा कई अन्य संगठनों ने हजेला पर आरोप लगाए हैं। अखिल असम बंगाली युवा-छत्र परिषद ने उनकी गिरफ्तारी और राज्य से निष्कासन की मांग की है। प्रतीक हजेला न् बताया था कि 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार लोगों का नाम एनआरसी की फाइनल लिस्ट में शामिल किया गया है, जबकि 19,06,657 लोगों को बाहर किया गया है. जो लोग इससे संतुष्ट नहीं है, वो फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के आगे अपील दाखिल कर सकते हैं।
दक्षिण कोरिया में गरजे राजनाथ सिंह- भारत अपनी सुरक्षा के लिए ताकत का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेगा" />ये भी पढे़ं- दक्षिण कोरिया में गरजे राजनाथ सिंह- भारत अपनी सुरक्षा के लिए ताकत का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेगा