थाने की बिजली काटने वाले लाइनमैन ने ऐसे दिलाई 9,600 कर्मचारियों को बड़ी राहत
नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में बिजली विभाग के एक लाइनमैन की वजह से उसके साढ़े नौ हजार से ज्यादा साथी कर्मिचारियों को बड़ी राहत मिली है। वन इंडिया ने एक खबर दी थी कि बिजली विभाग के एक लाइनमैन ने कैसे ट्रैफिक चालान काटे जाने से नाराज होकर एक थाने के पुलिस वालों से बदला लिया था। अब श्रीनिवास नाम के उस लाइनमैन के चलते उसके साथ उसके 9,627 दूसरे बिजली कर्मचारियों को भी उनका बकाया वेतन एक ही झटके में दे दिया गया है।
श्रीनिवास आया हजारों साथियों के काम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पावर कंपनी डिसकॉम पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीएनएल) ने 9,627 बिजली कर्मचारियों की मई महीने की सैलरी के लिए गुरुवार को 17 करोड़ रुपये जारी कर दिए। कंपनी ने ये भी भरोसा दिलाया है कि बाकी बकाए वेतन का भुगतान भी जल्द कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि बिजली विभाग के कर्मचारियों की सैलरी बकाए का मुद्दा इसलिए उठा था कि श्रीनिवास नाम के इलेक्ट्रिशियन ने इसी के चलते ट्रैफिक चालान का भुगतान करने में असमर्थता जताई थी। जाहिर है कि अगर श्रीनिवास जैसा साधारण कर्मचारी पुलिस वालों से नाराज होकर थाने की बिजली नहीं काटता तो साढ़े नौ हजार से ज्यादा कर्मचारियों को इतनी आसानी से वेतन मिलना मुश्किल था।
श्रीनिवास ने काट दी थी थाने की बिजली
आपको बता दें कि असल में श्रीनिवास के साथ क्या कुछ हुआ था, जिसके चलते उसने नाराज होकर थाने वालों से बदला लेने का साहस दिखाया था। दरअसल, श्रीनिवास की गलती ये थी कि उसे फिरोजबाद की लाइनपार थाने की पुलिस ने बिना हेलमेट बाइक चलाते पकड़ लिया था। इस ट्रैफिक उल्लंघन के लिए पुलिस वालों ने उसका 500 रुपये का चालान काट दिया। श्रीनिवास ने पुलिस वालों के सामने ये दलील दी कि वह फॉल्ट ठीक करके लौट रहा है। जब पुलिस वालों ने उसे नियम समझाया तो उसने पैसे देने से यह कहकर मना किया कि बिजली विभाग ने उसे चार महीने से वेतन ही नहीं दिए हैं तो वह 500 रुपये कहां से लाएगा। उसने अपने अधिकारियों से भी पुलिस वालों की बात कराई। लेकिन, सब-इंस्पेक्टर ने बिजली इंजीनियरों को नियमों का हवाला दिया। उधर श्रीनिवास का चालान कटने से उसके साथी भी नाराज थे। जब श्रीनिवास को पता चला कि लाइनपार थाने पर बिजली विभाग का साढ़े छह लाख रुपये ज्यादा का बिल बकाया है तो उसने फौरन जाकर थाने की लाइट काट दी। इस वजह से थाने में 4-5 घंटे बिजली नहीं रही। जब बड़े पुलिस अफसरों ने बिजली विभाग के अधिकारियों से बात की तब जाकर थाने में बिजली बहाल हो सकी।
बिना बताए काटी थी बिजली
जानकारी के मुताबिक पुलिस वालों ने थाने की बिजली काटने के मुद्दे को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। उन्होंने बिजली विभाग से पूछा है कि बिजली काटने से पहले थाने को किसी तरह की नोटिस दी गई थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अगर 6,62,463 का बिल बकाया था तो भी बिजली काटने से पहले उन्हें उसकी जानकारी दी जानी चाहिए थी।
श्रीनिवास के बचाव में साथी
बिजली विभाग की दलील है कि श्रीनिवास ने बिना विभाग से सहमति लिए अपने मन से थाने की बिजली काट दी थी। बात पुलिस वालों की है, इसलिए बिजली विभाग ने उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने की बात भी कही है। इस जांच का जिम्मा सुप्रिटेंडिंग इंजीनियर स्तर के अधिकारी को सौंपा जाएगा। हालांकि श्रीनिवास के साथियों का कहना है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है। जब उसके पास परिवार को खिलाने के पैसे नहीं थे, तो चालान के पैसे जुटाना उसके लिए कहां से मुमकिन था। कर्मचारी चाहते हैं कि जांच में कंपनी को उसका समर्थन करना चाहिए।