पुलिस वाले ने काटा चालान तो कुछ देर बाद पूरे थाने में छा गया अंधेरा
नई दिल्ली- जैसे को तैसा लगभग इसी अंदाज में यूपी में एक इलेक्ट्रिशियन ने पुलिस वालों से बदला लिया है। दरअसल, पहले पुलिस वालों ने उस इलेक्ट्रिशियन से ट्रैफिक नियम के उल्लंघन के लिए 500 रुपये का चालान काट दिया था। जवाब में लाइनमैन ने उस थाने की बत्ती ही घंटों तक गुल कर दी। क्योंकि, उस थाने पर बिजली विभाग का लाखों रुपये का बिल बकाया था, जिसके पुलिस वाले ट्रैफिक चालान काट रहे थे। कई घंटों तक पसीने में छटपटाने के बाद जब बड़े अधिकारियों ने दखल दिया तब जाकर पुलिस वालों को राहत मिल पाई। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला।
कैसे बिगड़ी बात?
यूपी के फिरोजाबाद में मंगलवार को हुई यह घटना चर्चा का विषय बन चुकी है। दरअसल श्रीनिवास नाम का वह लाइनमैन बिजली की कोई फॉल्ट ठीक करके लौट रहा था। रास्ते में पुलिस की चेकिंग चल रही थी। श्रीनिवास ने बाइक चलाते वक्त हेलमेट नहीं पहनी थी। पुलिस वालों ने उसे रोककर 500 रुपये का चालान काट दिया। लाइनमैन ने वहां मौजूद सब-इंस्पेक्टर रमेश चंद्रा से मिन्नतें कीं, कहा कि वह बिजली विभाग का कर्मचारी है और बिजली ठीक करके आ रहा है। जब पुलिस वाले नहीं माने तब उसने अपने जूनियर इंजीनियर से भी उनकी बात कराई। लेकिन, पुलिस वालों ने उन्हें भी ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया। इस बात पर श्रीनिवास वहां से थाने पर बिजली बिल बकाए की बात सोचते हुए झल्लाता हुआ लौटा।
श्रीनिवास ने ऐसे लिया थाने वालों से बदला
जब श्रीनिवास के साथी कर्मचारियों को चालान कटने की बात का पता चला तो वो भी पुलिस वालों पर बहुत गुस्से में आ गए। जानकारी के मुताबिक उन लोगों को पिछले चार महीने से सैलरी भी नहीं मिली है और चालान के पैसे देने में असमर्थता जताने की एक यह भी वजह थी। उन लोगों ने लाइनपार थाने का रिकॉर्ड खंगालना शुरू किया तो उन्हें पता चला कि उस थाने पर विभाग का 6.62 लाख रुपये बकाया है। बस फिर क्या था श्रीनिवास ने जाकर लाइनपार पुलिस स्टेशन की बिजली काट दी और अपना बदला पूरा कर लिया। बिजली कटने के चलते पुलिस वाले करीब 5 घंटे तक अंधेरे में रहने को मजबूर हो गए।
ऐसे लौटी थाने में बिजली
बाद में थाने में लाइट नहीं होने की बात पुलिस के बड़े अधिकारियों तक पहुंची तो मामले को रफा-दफा करने का प्रयास शुरू कर दिया गया। पहले पुलिस की ओर से ये भी दावा किया गया था कि जिले के पुलिस थानों और दफ्तरों के लिए विभाग को 1.15 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है और जो बकाया है वह भी जल्दी दे दिया जाएगा। लेकिन, जानकारी के मुताबिक बिजली विभाग के कर्मचारी तभी लाइन जोड़ने के लिए राजी हुए जब पुलिस ने 1 हफ्ते में सारे बकाए का भुगतान करने का आश्वासन दिया।