Delhi Fire: अनाज मंडी इलाके की इमारत में फिर लगी आग, कल हुई थी 43 की मौत
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के अनाज मंडी इलाके की इमारत में एक बार फिर से आग लग गई है। दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंची हैं। इसी इमारत में रविवार को भीषण आग लगी थी, जिसने 43 लोगों की जान ले ली। आग के चलते बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। बता दें ये हादसा पुरानी दिल्ली के रानी झांसी रोड स्थित फिल्मिस्तान सिनेमा के पास हुआ है। घटना के बाद से फरार फैक्ट्री के मालिक को दिल्ली पुलिस ने रविवार को ही गिरफ्तार कर लिया था।
स्कूल बैग बनाने की फैक्ट्री
बिल्डिंग में सो रहे मजदूरों को पता भी नहीं था कि ये रात उनकी जिंदगी की आखिरी रात है। 4 मंजिला इमारत में स्कूल बैग बनाने की फैक्ट्री चल रही थी, जिसके लिए एनओसी तक नहीं ली गई थी। पुलिस ने फैक्ट्री मालिक मोहम्मद रेहान को गिरफ्तार कर लिया है।
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मामला दर्ज कर लिया है
पुलिस ने रेहान के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और धारा 285 (आग या ज्वलनशील पदार्थ के संदर्भ में लापरवाही) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस हादसे में मरने वालों में अधिकांश लोग यूपी-बिहार के रहने वाले थे।
43 लोगों में से 30 लोग एक ही गांव के थे
भीषण आग में मरने वाले 43 लोगों में से 30 लोग एक ही गांव के थे। इस हादसे में सबसे ज्यादा प्रभावितों संख्या बिहार के समस्तीपुर के एक गांव की है। समस्तीपुर के हरपुर गांव के 30 लोग इस हादसे में मारे गए। फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों के रिश्तेदार अपनों की तलाश में घटनास्थल और अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। मृतकों और झुलसे लोगों को एलएनजेपी, हिंदू राव और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
11 लोगों की जिंदगी बचाई
आग लगने के बाद सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड के कर्मचारी और अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस दौरान दिल्ली फायर सर्विस के पहले दमकलकर्मी राजेश शुक्ला ने बिना अपनी जान की परवाह किए सबसे पहले बिल्डिंग में दाखिल हए और 11 लोगों की जिंदगी बचाई। बचाव अभियान के दौरान उनके पैर में चोट लग गई , लेकिन वो रूके नहीं। सोशल मीडिया पर लोग उनकी बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं।
मौत अपने करीब लगी
इस दौरान कई ऐसी खबरें आईं जब इमारत में मौजूद कई लोगों को मौत अपने करीब लगी। किसी ने अपने पिता को आखिरी फोन किया तो किसी ने अपने दोस्त को। इस दौरान एक ऐसा शख्स भी था, जिसमे इस खौफनाक मंजर के बारे में विस्तार से बताया है। इस शख्स ने उस वक्त इमारत के डरावने मंजर को देखा।
लोग जोर जोर से चीख रहे थे
मुस्तफा नाम के इस शख्स ने बताया कि शोर शराबा सुनकर उनकी आंख खुल गईं। कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, चारों ओर बस धुंआ ही धुंआ था। लोग जोर जोर से चीख रहे थे कि आग लग गई है, जान बचाकर भागो। कुछ लोग वहां बेहोश हो गए तो कुछ जान बचाकर भागने लगे।
आंख खुलीं तो अस्पताल में था
मुस्तफा ने बताया कि वो भी बाकी लोगों की तरह जान बचाकर भागा लेकिन जब आंख खुलीं तो अस्पताल में था। 25 साल के मुस्तफा कहते हैं कि उस मंजर के बारे में सोचकर अभी भी उन्हें काफी डर लग रहा है। उनका बांया हाथ जल गया है, लेकिन वह सुरक्षित हैं।
10-10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान
हादसे के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुख जाहिर किया है। केजरीवाल ने ट्वीट करके लिखा कि यह बहुत ही दुखद घटना है। केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि यह बहुत ही दर्दनाक खबर है। उन्होंने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही हादसे में मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। जबकि घायलों को 1-1 लाख रुपए का मुआवजा देने की बात कही है। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि घायलों के इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी।