कोरोना फैलाने के लिए फेंके गए नोट, ऐसी अफवाह उड़ाने वाले तीन के खिलाफ FIR दर्ज
चंडीगड़। कोरोना वायरस को लेकर सरकार से जिला प्रशासन तक मुस्तैद हैं। लेकिन दूसरी तरफ कुछ अराजक तत्व गलत खबरें फैलाकर लोगों के मन में भय पैदा कर रहे हैं। हरियाला पुलिस ने अब ऐसे ही तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हैं।
लाउडस्पीकर से फैलाई थी ये अफवाह
बता दें तीन अप्रैल की रात को लगभग 2 बजे फतेहबाद के समैन गांव में तीन अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा तीन सामुदायिक लाउडस्पीकरों से एक घोषणा की गई थी जिसमें कहा गया कि एक विशेष समुदाय के कुछ लोग हमारे गाँव में घुसकर कोराना फैलाने वाले नोट और पानी की बोतलें फेंक रहे हैं जिससे पूरा गांव संक्रमित हो जाएगा। अगर इस नोट या बॉटल को अगर एक ने भी छुआ तो हमारे गांव में बीमारी फैल जाएगी। इस घोषणा से गांव वाले भयभीत हो गए और रात को कई ग्रामीण ये चेतावनी सुनकर अपने घरों से बाहर निकल कर देखा तो ऐसा कुछ भी नही था।
पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया केस
पुलिस को इस अफवाह की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने जांच की। जिसमें उसमें पाया गया कि इस अफवाह से एक विशेष समुदाय के खिलाफ भय और घृणा फैलाने का एक स्पष्ट प्रयास पाया किया गया। ऐसा करने वाले तीन गांव निवासियों - मनोज कुमार, मोहन लाल और सतीश के खिलाफ धारा 505 (2) (अफवाहों के साथ समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 188 (अवज्ञा आईपीसी के प्रतिबंधात्मक आदेश) और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 54 के तहत केस दर्ज किया गया।
अफवाह फैलाने वाले 32 लोगों को किया गया गिरफ्तार
बता
दें
ये
पहला
मामला
नहीं
हैं
अब
तक
हरियाणा
राज्य
पुलिस
ने
32
लोगों
को
गिरफ्तार
किया
गया
है,
जबकि
56
लोगों
को
बंद
के
दौरान
अफवाहें,
फर्जी
समाचार
और
घृणा
संदेश
पोस्ट
करने
के
लिए
दर्ज
किया
गया
है।
पिछले
चार
दिनों
में
हिसार
और
फतेहाबाद
जिले
में
तीन
ऐसे
मामले
सामने
आए
हैं
जिनमें
पुलिस
ने
कार्रवाई
की
है।
दिल्ली
में
तब्लीगी
जमात
से
जुड़े
कोरोनोवायरस
के
मामलों
में
वृद्धि
के
बाद
तेजी
सेअफवाहें
फैलाई
जा
रही
है।
वीडियो के जरिए फैलाई गई ये अफवाह
फतेहाबाद के एसपी राजेश कुमार ने बताया कि समैन गांव के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। "हम एक और एफआईआर दर्ज करेंगे वो ही ऐसा ही मामला है। पुलिस ने बतया कि हमें एक वीडियो के बारे में पता चला है जिसमें दावा किया गया था कि कोरोनोवायरस फैलाने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय का एक व्यक्ति पीली मंडोरी गांव में उतरा है। वीडियो में किए गए दावों के पीछे हमें कोई सच्चाई नहीं मिली है। अब हम इस वीडियो को तैयार करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे।
ऑडियो संदेश पोस्ट करने पर दर्ज हुआ केस
तीसरा मामला इसी के पड़ोसी हिसार जिले के एक गाँव का है जिसमें पुलिस ने एक ग्रामीण रविंद्र शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इस मामले में, एक अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य ने पुलिस को शिकायत की कि शर्मा ने अपने समुदाय को लक्षित करने के लिए नकली ऑडियो संदेश पोस्ट कर रहे थे। "यह ऑडियो संदेश कई गांवों में पहले ही फैल चुका है," शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया।