ममता बनर्जी के खिलाफ दर्ज हुई FIR, असम नागरिक रजिस्टर पर गरमाई राजनीति
नई दिल्ली। असम की राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर सियासत गरमाती जा रही हैं। गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ असम पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। दरअसल, ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पर टिप्पणी की थी कि केंद्र सरकार NRC लिस्ट के बहाने असम से बंगालियों को बाहर निकालने की साजिश रच रही है। ममता ने केंद्र सरकार को आग से नहीं खेलने की भी चेतावनी दी थी। ममता बनर्जी के ऊपर एफआईआर दर्ज होने को लेकर उनकी पार्टी टीएमसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
ममता का बयान, असम का अपमान- भाजपा
टीएमसी ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस हमेशा बंगालियों के हितों के साथ खड़ी रही हैं। इस तरह की कोई भी कार्रवाई उन्हें बंगालियों या मुसलमानों के हित के लिए लड़ने से नहीं रोक सकती है। वहीं इस मामले में असम की भाजपा सरकार ने इस मामले में ममता बनर्जी पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ममता बनर्जी का बयान पूरे असम के लोगों का अपमान है। उनका बयान संविधान की भावना के खिलाफ है।
इस धारा में ममता के खिलाफ दर्ज हुआ केस
ममता बनर्जी के खिलाफ एफआईआर गुवाहाटी हाईकोर्ट में वकील तैलेंद्र नाथ दास की शिकायत पर दर्ज की गई है। गुवाहाटी पुलिस ने ममता बनर्जी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 A के तहत एफआईआर दर्ज किया है। यह धारा जाति, भाषा, धर्म, नस्ल, जृजगह आदि के आधार पर लोगों को भड़काने से संबधित है। गुवाहाटी पुलिस ने वो ममता बनर्जी के भाषण की जांच करेगी।
क्या है राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर?
बता दें कि असम सरकार ने असम में अवैध रुप से रहे बंग्लादेशी नागरिकों को भारतीयों नागरिकों को अलग करने और उन्हें असम से निकालने के लिए सोमवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का पहला ड्राफ्ट जारी किया था। इस रजिस्टर में असम की कुल 3.29 करोड़ जनसंख्या में से सिर्फ 1.9 करोड़ लोगों को जगह दी गई है। इस रजिस्टर के जारी होते ही इस पर हंगामा होना शुरू हो गया था।
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