शाहीन बाग में रिपोर्टिंग के दौरान भीड़ ने वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया पर किया हमला, पुलिस ने दर्ज किया केस
नई दिल्ली। शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ एक महीने से अधिक वक्त से धरना प्रदर्शन हो रहा है। बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं इस कानून के विरोध में धरने पर बैठी हैं और वे सरकार से मांग कर रही हैं कि सीएए को वापस लिया। इस प्रदर्शन के दौरान एक चैनल के वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया भी रिपोर्टिंग करने पहुंचे थे। इस दौरान कुछ लोगों ने उनपर और उनके कैमरामैन पर हमला कर दिया और कैमरे तोड़ दिए। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है।
दीपक चौरसिया का आरोप है कि जब उन्होंने रिपोर्टिंग शुरू की तो कुछ लोग उनके आए और बदसलूकी करने लगे। इसके बाद जब कैमरामैन ने घटना को रिकॉर्ड करना शुरू किया तो उन लोगों ने कैमरामैन पर भी हमला कर दिया और कैमरा छीनकर तोड़ दिया। आरोप है कि भीड़ ने उन लोगों की पिटाई भी की। दीपक चौरसिया ने अपने ऊपर हमले की पुलिस में शिकायत की थी।
दक्षिण-पूर्व के डीएसपी चिन्मय बिश्वाल ने भी कहा था कि वरिष्ठ पत्रकार की तरफ से उनको शिकायत मिली है। शनिवार को पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया है। वरिष्ठ पत्रकार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया और लिखा, 'सुन रहे हैं कि संविधान खतरे में है, सुन रहे हैं कि लड़ाई प्रजातंत्र को बचाने की है। जब मैं शाहीन बाग की उसी आवाज को देश को दिखाने पहुंचा तो वहां मॉब लिंचिंग से कम कुछ नहीं मिला।' इस वीडियो में भीड़ दीपक चौरसिया के हाथ से माइक छिनने की कोशिश करती दिखाई दे रही है।
An FIR has been filed on complaint of Journalist Deepak Chaurasia, after he was allegedly manhandled and roughed up by some miscreants at Shaheen Bagh, today. Demonstrations have been ongoing in the area since December 15 last year.
— ANI (@ANI) January 24, 2020
बता दें कि शाहीन बाग में 15 दिसंबर से ही बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं धरने पर बैठी हैं। ये महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का लगातार विरोध कर रही हैं। इनका कहना है कि ये कानून उनके साथ भेदभाव करता है। वे पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रही हैं। हालांकि, अमित शाह ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार इस मुद्दे पर पीछे नहीं हटेगी।