कांग्रेस का खजाना खाली, 2019 में कैसे करेगी मोदी से मुकाबला?
नई दिल्ली। भले ही आज कांग्रेस कर्नाटक में हारने के बाद भी मुस्कुरा रही है और जेडीएस के साथ मिलकर जश्न मना रही है लेकिन हकीकत ये है कि पार्टी की माली हालत बिल्कुल भी अच्छी नहीं है और वो गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है, जिसके कारण उसे साल 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते उसे मोदी सरकार को चुनौती देना आसान नहीं होगा। ये बात राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव आयोग को दी गई रिपोर्ट के आधार पर सामने आई है।
कांग्रेस की कमाई में 14 फीसदी गिरावट
इस रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा की कमाई पिछले 1 साल के दौरान 81 फीसदी बढ़ी है तो वहीं कांग्रेस की कमाई में 14 फीसदी गिरावट आई है। बीजेपी की कमाई इसलिए बढ़ी है क्योंकि देश के कई राज्यों में उसकी सरकार है जबकि कांग्रेस की कमाई में गिरावट का मुख्य कारण ये ही है कि देश के बहुत सारे राज्यों में अब उसकी सरकार नहीं है। बीजेपी लगातार जीत रही है और कांग्रेस के पास जो भी है, उसे वो गंवा रही है, जिसकी वजह से कांग्रेस की माली हालत पतली हो गई है।
कांग्रेस पार्टी ने की फंड में कटौती
इसका असर भी दिखने लगा है क्योंकि पिछले पांच महीने से कांग्रेस पार्टी ने राज्य इकाइयों को, वो फंड नहीं दिया है, जो कि ऑफिस फंड के नाम पर दिया जाता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट कह रही है कि फंड को तो रोका ही गया है, वहीं दूसरी ओर केन्द्रीय नेतृत्व ने पार्टी सदस्यों से अपना योगदान बढ़ाने और पार्टी इकाइयों से अपना खर्च कम करने की बात कही है, जो ये साबित करता है कि वाकई में पार्टी के पास पैसे की किल्लत है।
क्या है कारण
साल 2014 में बीजेपी से करारी शिकस्त पाने वाली कांग्रेस को अब औद्योगिक घरानों से चंदे मिलने काफी कम हो गए हैं, रही सही कसर नोटबंदी ने पूरी कर दी है, जिसके बाद कांग्रेस के पास कैश का संकट है और इसी वजह से कांग्रेस लगातार क्राउड फंडिग से ही काम चला रही है।
एक नजर बीजेपी और कांग्रेस की कमाई पर
- एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी की कमाई में 463.41 करोड़ रुपये बढ़ोत्तरी।
- वित्त वर्ष 2016-17 में बीजेपी की कमाई 1,034.27 करोड़ रुपये हो गई है।
- कांग्रेस की कमाई में पिछले साल के मुकाबले 36.20 करोड़ रुपये की गिरावट हुई है।
- बीजेपी को लगभग 1000 करोड़ रुपये का चंदा मिला है वहीं कांग्रेस को इस दौरान महज लगभग 50 करोड़ रुपये बतौर चंदा मिला है।
कांग्रेस का खजाना खाली
दोनों पार्टियों की मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए राजनीतिक जानकारों का दावा है कि 2019 में एक तरफ एक ऐसी पार्टी होगी जिसके पास धन ही धन होगा और वहीं दूसरी तरफ उसके मुकाबले में खड़ी विपक्षी पार्टी का खजाना खाली हो चुका होगा।
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