अब भारत के साथ कर चोरी के मुद्दे पर काम करेगा स्विटजरलैंड
स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक एसएनबी द्वारा प्रकाशित ताजा आंकड़ें के मुताबिक यहां के विभिन्न बैंकों में जमा भारतीय धन 2013 में 43 प्रतिशत बढ़कर 14,000 करोड़ रूपए हो गया जिसमें सीधे तौर पर भारतीय ग्राहकों द्वारा रखा गया धन और संपत्ति प्रबंधकों के जरिए जमा की गई राशि शामिल हैं। काले धन को वापस लाने के प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने अपने कार्यकाल के पहले दिन ही काले धन की पता लगाने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।
न्यायमूर्ति एम बी शाह की अध्यक्षता वाली एसआईटी की पहली बैठक 2 जून को हुई। इस दल के अन्य सदस्यों में उच्चतम न्यायालय एक अन्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरिजित पासायत को उपाध्यक्ष हैं। इनके अलावा इस दल में राजस्व सचिव, केंद्रीय जांच ब्यूरो, खुफिया विभाग, रॉ और प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष और भारतीय रिजर्व बैंक के एक डिप्टी गवर्नर भी शामिल हैं।
कोई नहीं जानता काले धन के बारे में:
नरेंद्र मोदी की सरकार से पहले जब कोई व्यक्ति काले धन के बारे में बात करता था तो अक्सर यही सुनने काे मिलता था कि, यार काला धन- वाला धन कुछ नहीं होता है। ये सब कुछ आम जनता को बेवकूफ बनाने के लिए किया जा रहा है। लोग अब भी यही कहते हैं कि स्विस बैंक में जितना पैसा है उससे कहीं ज्यादा पैसा नेताओं के घर में है। बस फर्क सिर्फ इतना है कि नेताओं का घर मीडिया के कवरेज से बाहर है।
कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि स्विस बैंक में भारत का करीब 1.3 ट्रिलियन काला धन जमा है। हकीकत यही है कि इस बात कोई प्रूफ नहीं है। स्विस बैंक का कहना है कि 90 लाख करोड़ के आस-पास काला धन जमा है। अब भारतीय नेता बोल रहे हैं कि काले धन की रकम में 14 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद यह रकम 14,000 करोड़ रुपए हो गई है।