लोन माफी नहीं है राइट-ऑफ, बट्टे खाते में डाले कर्ज की भी हो रही वसूली: जेटली
लोन माफी नहीं है राइट-ऑफ, बट्टे खाते में डाले कर्ज की भी हो रही वसूली: जेटली
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि 'राइट-ऑफ' का मतलब यह नहीं है कि बैंकों ने कर्ज माफ कर दिया है और वसूली नहीं होगी। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सरकारी बैंक 36,551 करोड़ रुपये की रिकवरी कर चुकी हैं। जेटली ने फेसबुक पर लिखा है कि पब्लिक सेक्टर के बैकों के राइट-ऑफ लोन को लेकर मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट सही नहीं हैं। कुछ भी गलत नहीं हुआ है, बैंक आरबीआई की गाइडलाइन पर काम कर रहे हैं।
अरुण जेटली ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ओर से ऋण को बट्टे खाते में डालने की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा है कि ये बैंकिंग कारोबार में एक सामान्य प्रक्रिया है। जेटली ने कहा कि कर्ज वसूली रुकी नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून की तिमाही में 36,551 करोड़ रुपए के डूबे कर्ज की वसूली की है। 2017-18 की पूरी अवधि में कुल वसूली 74,562 करोड़ रुपए रही है।
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जेटली ने कहा, चालू वित्त वर्ष में बैंकों ने 1,81,034 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य रखा है। फंसे कर्ज की राशि सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुकी है और चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में पिछले वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में इसमें 21,000 करोड़ रुपए की कमी आई है।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बट्टे खाते में डाले गए कर्ज को लेकर आई रिपोर्ट के आधार पर सरकार को घेरा था। गांधी ने कहा कि नोटंबदी से काला धन सफेद हुआ। 3.16 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बट्टे खाते में डाला गया। राहुल को जवाब देते हुए जेटली ने बताया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों ने एनडीए की सरकार बनने के बाद 3.16 लाख करोड़ रुपए के कर्ज बट्टे खाते में डाले हैं, जबकि बट्टे खाते में डाले गए कर्ज की वसूली 44,900 करोड़ रुपए है।
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