गुजरात दंगा: बुधवार को गुजरात विधानसभा में पेश होगी नानावती आयोग की फाइनल रिपोर्ट
गांधीनगर। 2002 के गुजरात दंगों पर न्यायमूर्ति नानावती-मेहता आयोग की अंतिम रिपोर्ट और उस पर की गई कार्यवाही बुधवार को राज्य विधानसभा में पेश की जाएगी। आयोग की इस रिपोर्ट का पहला हिस्सा 25 सितंबर, 2009 को गुजरात विधानसभा में पेश किया गया था। गोधरा कांड और उसके बाद प्रदेश में हुए दंगों की जांच के लिए इस आयोग का गठन किया गया था। आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट (भाग दो युक्त) 18 नवंबर 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंपी थी, तब से यह रिपोर्ट राज्य सरकार के पास ही है।
राज्य सरकार ने इस साल सितंबर में गुजरात उच्च न्यायालय को बताया कि वह अगले विधानसभा सत्र में रिपोर्ट पेश करेगी। राज्य सरकार ने पूर्व आईपीएस अधिकारी आर बी श्रीकुमार की जनहित याचिका के जवाब में यह आश्वासन दिया था. श्रीकुमार ने उच्च न्यायालय से राज्य सरकार को यह रिपोर्ट सार्वजनिक करने का निर्देश देने की दरख्वास्त की थी।
बता दें कि, राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक श्रीकुमार ने आयोग के समक्ष हलफनामा देकर गोधरा के बाद फैले दंगे के दौरान सरकार द्वारा कथित निष्क्रियता बरते जाने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने नवंबर, 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पटेल को प्रतिवेदन देकर इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 फरवरी 2002 को गोधरा हादसे में मारे गए 59 यात्रियों की जांच के लिए एक सदस्यी आयोग का गठन किया था। इसी घटना के बाद गुजरात में दंगे भड़के उठे थे।
सरकार ने बाद में एक आयोग का पुनर्गठन किया। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी टी नानावती इसके अध्यक्ष और उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति के जी शाह, सदस्य के रूप में शामिल थे। जस्टिस शाह के निधन के बाद न्यायमूर्ति ए के मेहता जो कि उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश भी थे। उन्होंने उनकी जगह ली।
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