National Film Awards: निर्माता बोले, पहले बता देते राष्ट्रपति के पास समय नहीं तो हम भी ना आते
National Film Awards: निर्माता बोले, वो पहले बता देते राष्ट्रपति के पास समय नहीं, तो हम भी अपना वक्त ना खराब करते
नई दिल्ली। सभी विजेताओं को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों से ना दिए जाने पर फिल्म निर्माता मेघनाथ ने कहा है कि अगर राष्ट्रपति के पास समय नहीं था, तो हमें पहले ही बता दिया होता, हम यहां ना आते और इससे हमारा भी वक्त बचता। मेघनाथ ने कहा कि राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने की 65 साल से चली आ रही परंपरा को तोड़ा गया है, जिसको लेकर उनका विरोध है। उन्होंने कहा कि हम कोई कमर्शियल निर्माता नहीं है, फिल्म बनाने में सालों लगते हैं और राष्ट्रपति के पास हमारे लिए एक मिनट नहीं है। ऐसे में हमने पुरस्कार समारोह का बहिष्कार किया।
65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा 13 अप्रैल को की गई थी। पुरस्कार आज(3 मई) विज्ञान भवन में दिए गए। राष्ट्रपति कोविंद ने 137 विजेताओं में से केवल 11 विजेताओं ही पुरस्कार दिए। इसके अलावा बाकी लोगों को सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने पुरस्कार दिए। इसी बात को लेकर कलाकारों में गुस्सा है। 68 विजेताओं ने स्मृति ईरानी से अवॉर्ड लेने से इंकार करते हुए कार्यक्रम का बहिष्कार किया है। आपको बता दें कि अभी तक राष्ट्रपति सभी विजेताओ को राष्ट्रीय पुरस्कार खुद ही देते रहे हैं।
कई विजेताओं और फिल्म दुनिया से जुड़े लोगों ने राष्ट्रपति के सभी पुरस्कार ना देने पर सोशल मीडिया पर भी नाराजगी जैहिर की है। ऑस्कर विजेता साउंड डिजाइनर रेसुल पूकुट्टी ने ट्वीट कर कहा, अगर भारत सरकार हमारे सम्मान में अपना तीन घंटे का समय भी नहीं दे सकती तो उन्हें हमें राष्ट्रीय पुरस्कार देने की जहमत नहीं उठानी चाहिए।
राष्ट्रपति के मीडिया सलाहकार अशोक मलिक ने बताया कि राष्ट्रपति कोविंद प्रोटोकॉल का पालन करते हैं, ऐसे में सभी विजेताओं को सम्मान देना संभव नही है। राष्ट्रपति कुछ ही विजेताओं को पुरस्कृत कर पाएंगे। अशोक मलिक ने बताया कि इसकी जानकारी आयोजकों को पहले ही दे दी गई थी।
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