रेजिडेंट डॉक्टरों को होटल में रुकवाए सरकार, एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र
नई दिल्ली: भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1990 नए मामले आए हैं, जिसके बाद संक्रमित लोगों की संख्या अब 26498 हो गई है। वहीं अभी तक कोरोना वायरस से 824 लोगों की मौत हुई है। कोरोना से चल रही इस लड़ाई में डॉक्टर फ्रांट लाइन पर काम कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। देश में कई डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसको देखते हुए अब फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखा है। साथ ही होम क्वारंटाइन किए गए डॉक्टरों के रुकने के लिए विशेष व्यवस्था कराने की मांग की है।
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के मुताबिक देश को इस महामारी से आजाद करवाने के लिए सभी डॉक्टर जुटे हुए हैं। ऐसे में देखा गया है कि कई रेजिडेंट कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जिस वजह से उनके साथ के डॉक्टरों को होम क्वारंटाइन कर दिया गया। ज्यादातर डॉक्टर अपने परिवार के साथ रहते हैं, जिनमें बुजुर्ग भी शामिल हैं, ऐसे में उन्हें संक्रमण का खतरा बना रहता है। कोरोना संक्रमित डॉक्टर को तो विशेष वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है, लेकिन उनके संपर्क में आए डॉक्टरों के लिए होम क्वारंटाइन के अलावा कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए रुकने की व्यवस्था करवाने की मांग की है।
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सवा करोड़ कोरोना वॉरियर जुड़ चुके हैं: पीएम
गृहमंत्री
को
लिखा
था
पत्र
इससे
पहले
कोरोना
संक्रमित
मरीजों
और
उनके
तीमारदारों
द्वारा
डॉक्टरों
पर
हमला
करने
पर
एम्स
रेजिडेंट
डॉक्टर
एसोसिएशन
ने
नाराजगी
जताई
थी।
साथ
ही
गृहमंत्री
को
पत्र
लिखा
था।
जिसके
बाद
केंद्र
सरकार
ने
कानून
में
बड़ा
बदलाव
किया
है।
जिस
वजह
से
अब
स्वास्थ्यकर्मियों
पर
हमला
करना
गैर
जमानती
अपराध
की
श्रेणी
में
आएगा।
इसके
साथ
ही
ऐसे
मामलों
में
एक
साल
के
अंदर
फैसला
सुना
दिया
जाएगा।
वहीं
अगर
अपराध
ज्यादा
गंभीर
नहीं
है
तो
तीन
महीने
से
पांच
साल
तक
की
सजा
का
प्रावधान
है।
वहीं
ज्यादा
नुकसान
पहुंचने
पर
6
महीने
से
लेकर
सात
साल
तक
की
सजा
का
प्रावधान
है।