मिलिए शोपियां एनकाउंटर में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों का खात्मा करने वाले स्पेशल फोर्सेज के हीरो से
जम्मू कश्मीर के शोपियां के कुनडलान गांव में मंगलवार को सेना और सुरक्षाबलों की आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई। इसे मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर हो गए लेकिन स्पेशल फोर्सेज के एक जवान को भी कुछ चोटें आईं। नायब सूबेदार राजपाल दयाल, जी हां, यही नाम है उस बहादुर जवान का जिसने अपनी जान की परवाह नहीं की।
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के शोपियां के कुनडलान गांव में मंगलवार को सेना और सुरक्षाबलों की आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई। इसे मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर हो गए लेकिन स्पेशल फोर्सेज के एक जवान को भी कुछ चोटें आईं। नायब सूबेदार राजपाल दयाल, जी हां, यही नाम है उस बहादुर जवान का जिसने अपनी जान की परवाह नहीं की और आतंकियों के सामने डटे रहे। लीडर, इस शब्द के अगर कुछ मायने होते हैं तो सूबेदार दयाल उसमें पूरी तरह से फिट बैठते हैं। आप अगर चाहें तो उन्हें शोपियां एनकाउंटर का 'सुपरमैन' कह सकते हैं। फिलहाल वह खतरे से बाहर हैं लेकिन अपनी जान की बाजी लगाकर उन्होंने दो आतंकियों का खात्मा किया।
हेलमेट को चीरती हुई निकली गोली
नायब सूबेदार राजपाल दयाल 10 पैरा स्पेशल फोर्सेज के हीरो हैं और शोपियां के कुनडलान में जब एनकाउंटर चल रहा था तो उन्होंने बहादुरी से मोर्चा संभाला हुआ था। वह पूरे जोश के साथ अपनी टीम को लीड कर रहे थे और उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों का खात्मा किया। इस एनकाउंटर में वह बुरी तरह से घायल भी हो गए। उनके दांए हाथ और पेट पर गोली लगी और एक गोली उनके हेलमेट को चीरती हुई निकल गई।
पहले भी लीड कर चुके हैं कई ऑपरेशन
फिलहाल वह खतरे से बाहर हैं लेकिन इस एनकाउंटर में उन्होंने अपनी जान को खतरे में डाल दिया था। यह पहली बार नहीं था जब उन्होंने किसी ऑपरेशन को लीड किया हो, इससे पहले भी वह कई ऑपरेशन को लीड कर चुके हैं और हर बार आतंकियों का काल साबित हुए हैं। मंगलवार को सुरक्षाबलों को शोपियां के कुनडलान गांव में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद यहां पर कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। सर्च ऑपरेशन उस समय एनकाउंटर में बदल गया जब आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू की दी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने प्रतिक्रिया स्वरूप फायरिंग की।
सेना पर की पत्थरबाजी
जिस जगह पर एनकाउंटर हो रहा था, वहां पर नागरिक इकट्ठा हो गए। वे एनकाउंटर वाली साइट पर विरोध प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी होने लगी। इस पत्थरबाजी और हिंसा को काबू में करने के लिए सेना को फायरिंग करनी पड़ी जिसमें तीन लोग घायल हो गए थे। इसी मुठभेड़ में बेटे जीनत नाइकू के घिरे होने की खबर सुनकर पिता की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है।