मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है: हामिद अंसारी
नई दिल्ली। आम तौर पर बेहद शांत और विनोदप्रिय उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने कार्यकाल के खत्म होने से चंद घंटे पहले देश के मुस्लिमों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
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अंसारी ने कहा कि इस वक्त देश के मुस्लिमों में घबराहट और असुरक्षा की भावना घर कर गई है, हाल ही में देश के कुछ दिग्गज नेताओं की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ काफी विवादित बयान दिए गए हैं, जो कि ठीक नहीं हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी से भी किया था जिक्र
अंसारी ने ये बात राज्यसभा टीवी पर दिए गए एक इंटरव्यू में कही, उन्होंने कहा कि इस बात का जिक्र उन्होंने देश के पीएम नरेंद्र मोदी से भी किया है। यही नहीं अंसारी ने ये भी बताया कि उन्होंने असहनशीलता का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कैबिनेट सहयोगियों के सामने उठाया है, उनके हिसाब से ये एक बेहद गंभीर मुद्दा है जिसे उन्होंने 'परेशान करने वाला विचार' करार दिया।
आप स्पष्टीकरण स्वीकार करते हैं कि नहीं
अंसारी से जब ये पूछा गया कि उनके इस बात पर पीएम मोदी और उनके कैबिनेट सहयोगियों की क्या प्रतिक्रिया थी तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि 'यूं तो हमेशा एक स्पष्टीकरण होता है और एक तर्क होता है। अब यह तय करने का मामला है कि आप स्पष्टीकरण स्वीकार करते हैं कि नहीं और आप तर्क स्वीकार करते हैं कि नहीं।'
'तीन तलाक' एक 'सामाजिक विचलन
यही नहीं पत्रकार करण थापर को दिए गए इंटरव्यू में अंसारी ने भीड़ की ओर से लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं, 'घर वापसी' और 'तीन तलाक' के मु्द्दे पर भी बात की, 'तीन तलाक' के लिए अंसारी ने कहा कि ये एक 'सामाजिक विचलन; है, कोई धार्मिक जरूरत नहीं, जबकि उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर कहा कि यह राजनीतिक समस्या है और इसका राजनीतिक समाधान ही होना चाहिए।
1 अप्रैल 1937
आपको बता दें कि हामिद अंसारी का जन्म पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 1 अप्रैल 1937 को हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा सेंट एडवर्डस हाई-स्कूल शिमला, सेंट जेवियर्स महाविद्यालय कोलकाता और अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुई। अंसारी ने अपने कैरियर की शुरुआत भारतीय विदेश सेवा के एक नौकरशाह के रूप में 1961 में की थी जब उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था।
पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित
वे आस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त भी रहे। बाद में उन्होंने अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात और ईरान में भारत के राजदूत के तौर पर भी काम किया। 1984 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। वे मई सन 2000 से मार्च 2004 तक अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उपकुलपति भी रहे। उन्होंने ही गुजरात दंगों के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने में अहम रोल निभाया था। 2007 के उपराष्ट्रपति चुनाव में मोहम्मद हामिद अंसारी को जीत हासिल हुई थी, 2012 में उनके कार्यकाल को 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया था।